Supreme Court to Patanjali: पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापन मामले में बिना शर्त मांगी कोर्ट से माफ़ी, 2 अप्रैल को होगी पेशी

Supreme Court to Patanjali:

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Supreme Court to Patanjali: सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद पर सख्त टिप्पणी की है और इसके निदेशकों आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने को कहा है।

Supreme Court to Patanjali: सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद पर कड़ी टिप्पणी करने के साथ उसके डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश होने का निर्देश 2 दिन पूर्व जारी किया था। जिसके बाद बुधवार को आचार्य बालकृष्ण हलफनामा पेशकर खेद जताया साथ ही बिना शर्त माफी मांगी।

भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वो आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन आपत्ति जताई

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के बावजूद दवाओं का भ्रामक विज्ञापन जारी रखने के लिए नोटिस जारी किया था। 2 अप्रैल को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए भी कहा था। विदित हो कि 21 नवंबर को कोर्ट ने पतंजलि से कहा था कि वह अपनी दवाओं से गंभीर बीमारियों का स्थायी इलाज होने और एलोपैथी को खराब बताने वाले विज्ञापन रोक दे। अब पेश हलफनामे में पतंजलि ने कहा है कि उक्त आदेश के बाद प्रकाशित कुछ विज्ञापनों में गलती से वैसे दावे लिख दिए गए जिन्हें कोर्ट ने मना किया था।

इससे पहले जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजली आयुर्वेद और इसके एमडी आचार्य बालकृष्ण को पहले जारी किए गए नोटिसों का जवाब दाखिल न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। साथ ही पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए

गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है।

कोर्ट ने बाबा रामदेव को कारण बताओ नोटिस जारी किया

कोर्ट ने कहा कि रामदेव को कारण बताओ नोटिस जारी करना उचित लगता है क्योंकि पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापन 21 नवंबर 2023 को कोर्ट में दिए गए हलफनामे का विषय है और ऐसा प्रतीत होता है कि इनकी पुष्टि रामदेव ने की थी। अदालत ने कहा, ‘तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए प्रतिवादी संख्या 5के प्रबंध निदेशक को उपस्थित होने का निर्देश देना उचित समझा जाता है। (पतंजलि आयुर्वेद) सुनवाई की अगली तारीख पर।

शुरुआत में, पीठ ने जानना चाहा कि पतंजलि और बालकृष्ण ने अवमानना कार्यवाही में जारी नोटिस पर अपना जवाब क्यों नहीं दाखिल किया है। पतंजलि और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपने मुवक्किल के साथ कुछ चर्चा की है। पीठ ने रोहतगी से कहा, यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। इसे दाखिल न करने का मतलब है कि आदेश और परिणाम होंगे।

शुरुआत में, पीठ ने जानना चाहा कि पतंजलि और बालकृष्ण ने अवमानना ​​कार्यवाही में जारी नोटिस पर अपना जवाब क्यों दाखिल नहीं किया है। पतंजलि और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपने मुवक्किल के साथ कुछ चर्चा की है। पीठ ने रोहतगी से कहा, ‘यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है। हमने इसे बहुत गंभीरता से लिया है. इसे दाखिल नहीं करने का मतलब है कि आदेश होंगे और परिणाम होंगे।

(लेखक डा. विजय)

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