शिक्षा के स्तर की गारंटी…!
![](https://eglobalnews.in/wp-content/uploads/2023/08/15_06_2020-examination_20393741.jpg)
2 विषयों में पूरक
रायपुर। प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों की वार्षिक परीक्षाओं में 2 विषयों में अनुत्तीर्ण रहे परीक्षार्थियों को, पूरक की पात्रता देने के निर्णय से, अब संबंधित लाभार्थी पूरक परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके साथ ही इनमें नियमित रहे विद्यार्थी (यानी महाविद्यालयीन) अगली कक्षा के लिए-अस्थायी प्रवेश के पात्र भी हो जायेंगे।
नया शिक्षा सत्र चालू होते ही ऑनलाइन प्रवेश शुरू हुआ। आपत्ति (जबरिया) ऑनलाइन पर नहीं आपत्ति इस बात कि आखिरकार ऑफलाइन को बंद क्यों किया गया। नतीजन देर तक प्रवेश चले। इतना ही नहीं अकड़ का नतीजा देखे प्रवेश की अंतिम तिथि निकलने तक स्नातक-स्नातकोत्तर कक्षाओं में औसत दर्जे या सामान्य स्तर के महाविद्यालयों में सीटें क्षमता से खाली रह गई। फिर पहले आओ -पहले पाओ का 5-6 दशकों को पुराना पेटर्न लागू करना पड़ा। कैसा लगा स्वाद वाह क्या बात हैं….. ! (ऑनलाइन)
खैर ! इधर प्रवेश की तिथियां अंतिम पायदान पर थी। कि दबाव पर दबाव बाद वार्षिक परीक्षाओं में 2 विषयों में फेल परीक्षार्थी पूरक के पात्र घोषित कर दिए गए। प्रदेश के हमारे सम्मानीय वरिष्ठ शिक्षाविद अगाह (सचेत) करते रह गए। तो फिर 3 और 4 विषयों वालों ने क्या बुरा किया था। उन्हें भी पूरक दे देते।
अब बदले सिस्टम में महाविद्यालय प्रबंधन, विश्वविद्यालय प्रबंधन माथा पच्ची करते पूरक आवेदन पत्र ले, परीक्षा आयोजित करें। अस्थायी प्रवेश के लिए महाविद्यालयीन(नियमित) 2 विषयों में फेल रहे विद्यार्थी आवेदन करेंगे। फिर कामकाज बढ़ेगा। शिक्षकों से सब कुछ कराया जाएगा। 2 विषयों में पूरक वाले विद्यार्थी आयोजित पूरक परीक्षा में फेल हो गए तो सुपर सप्लीमेंट्री के लिए दबाव बनेगा या पात्र होंगे। प्लस कहेंगे सुपर सप्लीमेंट्री एवं वार्षिक परीक्षा (अगली कक्षा का) एक साथ देने पात्र घोषित करें। दबाव बनायेंगे।
उपरोक्त सब के मध्य शिक्षक अध्यापन कार्य कब करेंगे। अगर करेंगे तो कक्षाएं भी नियमित कक्षा नहीं ले पायेगे। स्वाभाविक है कि पाठ्यक्रम पिछड़ेगा। महज डेढ़-दो माह बाद चुनावी हलचल- चुनावी कार्य की ड्यूटी, प्रशिक्षण मतदान ड्यूटी, मतगणना ड्यूटी। चुनावी शोरगुल माह-सवा माह तक चलेगा। ऐसे में फिर पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होगी। आखिर युवाओं को ही पार्टियां कार्यकर्ता के तौर पर उपयोग करेगी। चाहे शहरी हो या ग्रामीण। बच्चे-बूढ़े तो आनंद लेगे माहौल का। बची महिलाएं ने भी घर- गृहस्थी का काम करके चुनाव अभियान का हिस्सा बनेगी। उक्त सबके चलते क्या 2 विषय में पूरक के लिए दबाव बनाने वाले शुभचिंतक लोग शिक्षा स्तर की गारंटी लेंगे। या बगलें झांकेगे ——! लाभार्थी 2 विषयों (पूरक) वाले परीक्षार्थियों से तो उम्मीद——-!