छात्रों ने रिम्स प्रबंधन पर लगाया कम उपस्थिति का आरोप, राजभवन ने दी राहत

रिम्स मेडिकल कालेज :
रिम्स मेडिकल कालेज : रिम्स मेडिकल कालेज,गोढ़ी के विद्यार्थियों-पालकों ने कालेज प्रबंधन पर फाइनल ईयर की परीक्षा में बिठाने के नाम पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए राजभवन से परीक्षा में बैठने का निर्देश देने का अनुरोध किया । जिस पर राजभवन ने प्रबंधन को इस संबंध में उदारतापूर्वक निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
दरअसल फाइनल ईयर के भाग एक व दो के लिए इन दिनों परीक्षा फार्म रायपुर मेडिकल कालेज (रिम्स) में भरे जा रहे हैं। जिस पर कालेज प्रबंधन ने कम अटेंडेंस एवं प्री. यूनिवर्सिटी परीक्षा में कम प्राप्तांक का हवाला दे कुछ परीक्षार्थियों को फाइनल ईयर भाग -1, भाग -2 वास्ते फॉर्म भरने से रोक दिया था। जिस पर आग्रह के बावजूद प्रबंधन द्वारा परीक्षा आवेदन पत्र लेने, भरने से रोक दिया था। इस पर विद्यार्थियों का आरोप था कि कालेज प्रबंधन मनमानी पर उतर आया है। जो विद्यार्थी नियमित उपस्थिति देते रहे हैं, उन्हें तक रोका जा रहा है। परीक्षा 17 जनवरी से होनी है।
उपरोक्त मामलों को विद्यार्थियों-पालकों ने आखिरकार राजभवन का रुख कर, राज्यपाल से करियर का हवाला देकर एवं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने की बात कह, कालेज प्रबंधन को निर्देशित करने का आग्रह किया था। जिस पर राजभवन ने कालेज के अधिष्ठाता को पत्र लिखकर ऐसे नियम को कम करने निर्देशित किया। राजभवन ने प्रार्थी विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठाने भी कहा है। उधर इसके पूर्व अधिष्ठाता डॉक्टर गंभीर सिंह ने कहा था कि विद्यार्थी परीक्षा हेतु निर्धारित मानदंड (क्राइटेरिया) को पूरा नहीं करने वालों को परीक्षा से वंचित किया जाएगा। इस बीच विद्यार्थियों के कम अटेंडेंस वालों से पैसे लेकर जुर्माना फार्म भरवाने का भी आरोप लगाया था।
खैर ! राजकीय विश्वविद्यालय का नियम है कि वार्षिक में कम से कम 75 प्रतिशत सालाना उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को ही परीक्षा में बैठने की अनुमति है। पर यहां विद्यार्थियों का आरोप है कि फाइनल ईयर में जानबूझकर नियमों का हवाला देकर रोका जाता है।आमतौर पर विभिन्न राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में ज्यादातर ऐसा कर प्रबंधन जबरिया पैसा, दंड स्वरूप लेता रहा है।