पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, मुख्यमंत्री माझी ने मांगी माफी

ओडिशा के पुरी में भगदड़ की घटना पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगी है. सीएम ने कहा कि सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है, इसकी गहन जांच कराई जाएगी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.
ओडिशा के पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ की घटना पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने माफी मांगी है. मोहन चरण माझी ने कहा कि पुरी मंदिर भगदड़ के लिए मैं भगवान श्रीजगन्नाथ के सभी भक्तों से क्षमा मांगता हूं. उन भक्तों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है. किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसकी गहन जांच कराई जाएगी और जो भी व्यक्ति या अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं पुरी रथयात्रा में भगदड़ पर बीजद प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकार को घेरते हुए कहा कि पुरी में रथयात्रा के दौरान हुआ हादसा भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारियों की कमी को उजागर करता है. उन्होंने गहरा दुख व्यक्त करते हुए राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मैं इस त्रासदी में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. लेकिन, यह साफ है कि रथयात्रा जैसे बड़े आयोजन में सरकार की विफलता सामने आ गई है. यह सरकार की चौंकाने वाली लापरवाही का संकेत है.
‘श्रद्धालुओं के परिजनों ने ही राहत कार्य शुरू किया’
नवीन पटनायक आगे कहा, ‘मैं सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाने से परहेज करता हूं लेकिन, यह त्रासदी लापरवाही के कारण हुई. मैं सरकार से यह आग्रह करता हूं कि वह रथयात्रा के सभी प्रमुख अनुष्ठानों का सुरक्षित और व्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करने के लिए तुरंत आवश्यक और प्रभावी सुधारात्मक कदम उठाए जाएं” प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पटनायक ने दावा किया कि “हादसे के वक्त प्रशासनिक अमला मौके से गायब था और सबसे पहले श्रद्धालुओं के परिजनों ने ही राहत कार्य शुरू किया.’
तीन लोगों की मौत और पचास लोग घायल
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, रविवार की सुबह मंदिर परिसर में भगदड़ से हड़कंप मच गया जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और पचास लोग घायल हो गए. पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ स्वैन के मुताबिक, यह हादसा उस वक्त हुआ जब दो ट्रक, जो अनुष्ठान की सामग्री ले जा रहे थे वो रथों के पास भीड़ में प्रवेश कर गए, इससे अफरा-तफरी मच गई.
यह घटना तड़के करीब चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथयात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्रित हुए थे. अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गई. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और छह लोगों की हालत गंभीर है. मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू और बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती व प्रवती दास के रूप में हुई है.
पुरी में रथयात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ श्री गुंडिचा मंदिर पहुंचे थे. श्री गुंडिचा मंदिर को देवताओं का मौसी का घर माना जाता है, यह मंदिर जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हर साल भगवान जगन्नाथ मंदिर से अपनी मौसी के घर यानी श्री गुंडिचा मंदिर जाते हैं. भगवान की वापसी की यात्रा को बहुदा यात्रा के नाम से जाना जाता है जो इस साल पांच जुलाई को होगी.