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पाकिस्तान के लिए जासूसी! यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा अरेस्ट

हरियाणा की मशहूर यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हिसार पुलिस की एंटी-एस्पियोनेज विंग ने उन्हें गिरफ्तार किया और अदालत ने उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।

कौन हैं ज्योति मल्होत्रा?

ज्योति मल्होत्रा, हिसार की रहने वाली हैं और ‘ट्रैवल विद जो’ नामक यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसके 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वह पाकिस्तान की यात्रा कर वहां के पर्यटन स्थलों और संस्कृति पर वीडियो बनाती थीं। उनकी पाकिस्तान यात्रा और वहां के अधिकारियों से नजदीकियों ने सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया।

जासूसी के आरोप

जांच में सामने आया है कि ज्योति ने पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क साधा और उनके माध्यम से ISI एजेंट्स अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज से मिलीं। उन्होंने इन एजेंट्स को व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए संवेदनशील जानकारी साझा की। ज्योति ने अपने मोबाइल में शाकिर का नाम ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव किया था।

पाकिस्तान यात्रा और संबंध

ज्योति ने 2023 में पाकिस्तान का वीजा प्राप्त करने के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग का दौरा किया, जहां उनकी मुलाकात दानिश से हुई। इसके बाद उन्होंने दो बार और पाकिस्तान की यात्रा की। उनकी पाकिस्तान यात्रा के दौरान उन्हें उन क्षेत्रों में भी देखा गया, जहां भारतीय नागरिकों का जाना सामान्यतः प्रतिबंधित होता है। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट्स में पाकिस्तान के पक्ष में सामग्री और वहां के अधिकारियों के साथ तस्वीरें शामिल हैं।

अन्य गिरफ्तारियां

इस मामले में ज्योति सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अरमान (22 वर्ष, नूंह), देविंदर सिंह ढिल्लो (कैथल), गजाला और यामीन मोहम्मद शामिल हैं। ये सभी आरोपी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी गतिविधियों में शामिल थे।

कानूनी कार्रवाई

ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 152 और ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 की धाराओं 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा, हिसार को सौंपी गई है।

यह मामला भारत में सोशल मीडिया के माध्यम से जासूसी गतिविधियों के बढ़ते खतरे को उजागर करता है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

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