भये प्रगट कृपाला दीनदयाला, अयोध्या में महाप्रभू श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न

श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह : अयोध्या धाम स्थित श्री राम जन्मभूमि पर नवनिर्मित राम मंदिर में सोमवार को अभिजीत मुहूर्त में श्री रामलाल का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ। मुख्य यजमान  ने भव्य श्री रामलला की प्रतिमा की नेत्रों पर बंधी पट्टी खोलकर प्राण प्रतिष्ठा पूरी की। उन्होंने सोने से निर्मित तालिका से रामलला की नेत्रों पर काजल लगाया।

आखिर वह क्षण आ गया। जिसकी देश भर के 1 अरब 40 करोड लोग प्रतीक्षा कर रहे थे। सोमवार को निर्धारित समय 12 बजकर 10 मिनट से 12:55 मिनट तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह चला। इस मौके पर साधु-सन्यासी संतों समेत मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्भगृह में मौजूद रहे। सोने के सिंहासन पर विराजमान श्री रामलला की भव्य प्रतिमा देखते ही बन रही है।

पूरे समारोह का सीधा प्रसारण डीडी न्यूज, टीवी चैनल में किया गया। इसका प्रसारण यूट्यूब में भी हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की पूजा -अर्चना प्रारंभ हुई। इस दौरान सेना के हेलीकॉप्टर से राम मंदिर पर पुष्प वर्षा की जाती रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित थे। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तहत की। 12 बजकर 10 मिनट से 12बजकर 55 मिनट तक समारोह चला। संपूर्ण कार्यक्रम विधि-विधान अनुसार हुआ। प्रभु रामलला की नेत्रों पर पट्टी बांधी गई थी। जिसे खोलते ही प्राण-प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होना था। इस हेतु महज 90 सेकंड का समय तय था। तयअभिजीत मुहूर्त में मुख्य यजमान नरेंद्र मोदी ने प्रभु रामलला की नेत्रों से पट्टी खोली एवं आईना प्रभु के सामने किया। प्राण-प्रतिष्ठा उपरांत प्रभु ने सर्वप्रथम स्वयं का मुखड़ा आईने पर देखा। मान्यता है कि प्राण-प्रतिष्ठा उपरांत भगवान स्वयं अपना चेहरा सबसे पहले देखते (निहारते) हैं। जिसके बाद यजमान एवं पूजा कराने वाले साधु-संत अन्य अतिथि। गौरतलब हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बतौर यजमान 11 दिनों तक उपवास रखा। इस दौरान सात्विक भोजन के तौर पर फलाहार किया। अंतिम 11वें दिवस पर पूर्ण उपवास पर रहे।

समारोह में देश-विदेश से 8 हजार अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। जो अपने क्षेत्रों में महारत रखते है। अपने प्रदेशों, देशों में प्रमुख है। देश-भर से 4500 करीब साधु-संत आमंत्रित थे। अयोध्या नगरी में अलसुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी। लोग तड़के उठकर स्नान ध्यान कर पूजा पाठकर सीधे प्राण- प्रतिष्ठा समारोह के वास्ते राममंदिर मार्ग, राजपथ हनुमानगढ़ी के बाहर एकत्रित हो गए थे। अयोध्या की आबादी एक लाख से कम है परंतु समारोह बाबत 2 लाख से अधिक राम भक्त अयोध्या पहुंचे।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में अंतर्गत सोमवार को देशभर के शहरों में सुबह 9 बजे से श्री राम की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें प्रभु के बालरूप को विराजा गया है। नर- नारी, युवा एवं बच्चे शोभा यात्राओं में शामिल हुए। शोभा यात्राएं शहरों में विभिन्न प्रमुख मार्गो से होकर गुजरी। इस दौरान राम भजन, गीत-कीर्तन जारी रहा। शोभायात्रा बाद प्रसादी के तौर पर भंडारा रखा गया था। राजधानी के सभी वार्डों में शोभायात्रा निकली। तमाम मार्गो, कालोनी, मोहल्ले में जगह-जगह श्रो राम पताकाएं, झंडिया, तोरणद्वार लहरा रहे थे। अपूर्व उत्साह लोगों के मध्य नजर आया। वे गा रहे थे ‘भये प्रगट कृपाला दीनदयाला’…! बच्चे राम, हनुमान, लक्ष्मण का रूप धरे हुए थे। शासकीय-अर्धशासकीय संस्थाओं राज्य- केंद्र दोनों में आधे दिन का अवकाश सोमवार को घोषित किया गया था ताकि राम भक्त समारोह लाइव देख सकें एवं शोभायात्रा भंडारा कार्यक्रम में शामिल हो सके। शाम को घर-घर दीप जलाए गए। आतिशबाजी की गई। पूरे देश में एक तरह से दीपावली का माहौल बन पड़ा था।

(लेखक डा. विजय)

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