सम्मलेन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर फेंका गया जूता, कार्यकर्ताओं ने आरोपी को जमकर पीटा

उत्तरप्रदेश। ओबीसी सम्मेलन में गए समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने का मामला सामने आया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जूता फेंकने वाले की पिटाई की फिर पुलिस को सौंप दिया। आरोपी युवक को विभूति खंड पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
यूपी की राजनीति में अपने नाम का डंका बजाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का यूपी में बड़ा नाम है। कभी बसपाई कहे जाने वाले मौर्य ने बीजेपी का दामन थामा फिर बीजेपी को टाटा, बाय-बाय बोलकर अखिलेश की साइकिल पर सवार हो गए। स्वामी प्रसाद मौर्य का करीब चार दशक का लंबा राजनीतिक करियर है और वो यूपी की राजनीति में धमक रखने वाले राजनेता माने जाते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1996 में बीएसपी के टिकट पर रायबरेली की डलमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधानसभा का चुनाव जीते। उनका करियर कुछ यूं रहा कि वो 4 बार कैबिनेट मंत्री बने। तीन बार वो यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बने। साल 2009 में पडरौना से उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराने के बाद उनकी गिनती मायावती के करीबी नेताओं में होने लगी। साल 2008 में स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे दी। साल 2012 में हार के बाद उनसे मायावती ने जिम्मेदारी वापस ले ली। साल 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी से बगावत कर बैठे।
बसपा से विदाई के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी पार्टी बनाई, लेकिन बड़ा ख्वाब लेकर वो बीजेपी के साथ हो लिए. साल 2017 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्जकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रीपद हासिल किया। पिछले विधानसभा चुनाव में कमल के रथ पर सवार होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अब अखिलेश के साथ हो लिए हैं।