Shivraj Singh Chauhan : पूर्व CM ने राहुल गांधी पर कसा तंज, कहा- राहुल के पास परिवार का बेटे होने के सिवा कोई योग्यता नहीं
Shivraj Singh Chauhan : MP के पूर्व CM शिवराज सिंह ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी के पास एक परिवार का बेटे होने के सिवा कोई योग्यता नहीं है।
Shivraj Singh Chauhan : भोपाल : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी के पास एक परिवार का बीटा होने के सिवाए और कोई योग्यता नहीं है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही 2005 से मध्य प्रदेश की राजनीति में रहे हो, उनके पुराने संसदीय क्षेत्र में अब भी उनका प्रभाव देखा जा सकता है। जिस गांव में जाते हैं, वहां माहौल शिव-मय हो जाता है। महिलाएं आरती उतारती हैं। बच्चों को लेकर अपने भैया के पास पहुंच जाती हैं। फिर पांव-पांव वाले भैया शिवराज आदिवासियों के घर पर भोजन करते हैं। उसी स्नेह और अपनत्व से उनकी अगवानी होती हैं, जैसे घर का कोई सदस्य बहुत दिन बाद घर आया हो।
बता दें कि पूर्व CM भोपाल से रायसेन पहुंचे जहां उन्होंने जनसभा को सम्बोधित किया। यह आदिवासी और मुस्लिमबहुल इलाका है। यहां भी शिवराज मामा का जलवा अलग ही है। आदिवासियों ने उनका स्वागत किया। शिवराज ने आदिवासियों के साथ नृत्य किया। महिलाओं के बीच जाकर बैठ गए। फिर फुलमार गांव पहुंचे। वहां आदिवासी समाज के एक व्यक्ति के घर भोजन किया। थाली में परोसे भोजन की बारीकियां भी बताई।
उन्हें चुनाव जीतना नहीं है, उन्हें सिर्फ लिखना है- पूर्व CM
इसी दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में उनकी राय पूछने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा है। उन्हें कुछ करना नहीं है। पापुलर स्कीम उठाओ और डाल दो। उन्हें पता है कि सरकार तो बनना नहीं है। पहले भी उन्होंने जो गारंटी दी थी, वह वादे पूरे नहीं किए। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। हम जनता की जिंदगी बदलने के लिए काम कर रहे है। उन्होंने देखादेखी पापुलर स्कीम को जस का तस उठा लिया है। उन्हें चुनाव जीतना नहीं है, उन्हें सिर्फ लिखना है।
साथ ही उनसे जब राहुल गांधी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास न सोच है और न समझ है। वह न तो देश को जानते हैं। केवल एक परिवार का बेटा होने के अलावा उनकी योग्यता क्या है? न दिशा न ही दृष्टि है।

