मूल विज्ञान केंद्र राज्य के अन्य इलाकों में भी तुरंत खोला जाए

साइंस क्षेत्र, शोध की दिशा को बढ़ावा देना
रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में 5 -7 वर्षों से संचालित मूल विज्ञान केंद्र (सेंटर आफ बेसिक साइंस) प्रारंभ से (स्थापना काल) चर्चा में रहा है। जिसमें प्रवेश के लिए साल- दर- साल मारामारी चल रही है। अब इसे देखते हुए यह केंद्र प्रदेश के अन्य स्थानों पर खोलने का समय आ गया हैं।
गौरतलब हो कि रविवि ने एक खास मकसद से यह सेंटर शुरू किया था। जिसका उद्देश्य था कि शोध की दिशा में बढ़ावा देना साइंस क्षेत्र का 12वीं पास विद्यार्थी चाहे गणित हो या विज्ञान इस सेंटर की प्रवेश परीक्षा में बैठ सकता है।
इस सेंटर में 3 वर्ष के कोर्स पर स्नातक एवं 4 वर्ष के कोर्स पर परस्नातक या पीजी की डिग्री मिलती है। चूंकि यह सेंटर मूल तौर पर विज्ञान विषय पर (शोध परख दृष्टिकोण) अध्ययन सुविधा देता है। इसलिए आगे जाकर शोध कार्य करने में रुचि जागृत होती है। साथ ही आसानी रहती है। तीसरा कोर्स के दौरान 5 हजार रुपए मासिक छात्रवृत्ति प्रत्येक विद्यार्थी को दी जाती है। साल भर पूरे कोर्स के दौरान।
उपरोक्त सेंटर एवं कोर्स के महत्व को मददेनजर रखते हुए साथ ही लोकप्रियता (विद्यार्थियों में ) को देखते हुए इसी सत्र से (देरी नहीं हुई है अभी) प्रदेश के अन्य राजकीय विश्वविद्यालयों शिक्षण संस्थानों एवं चुनिंदा अग्रणी कालेजों में शुरू किया जाना चाहिए। इस हेतु साइंस के वरिष्ठ शिक्षक संबंधित शहर के दीगर कालेजों से भी गेस्ट फेकल्टी के तौर पर सेवा दे सकते हैं। स्कालरशिप छोटे शहरों में 5 की जगह 4 या 3 हजार दी जा सकती है। अगर सरकार को परेशानी न हो तो पूरे 5 हजार दे। पर कोर्स शुरू करना विद्यार्थियों, राज्य हित में होगा।