Raipur Ganesh Visarjan : कानून के हाथ से ज्यादा तेज़ रही डीजे की आवाज़, गणेश विसर्जन झांकी में जमकर तोड़े गए नियम
Raipur Ganesh Visarjan : गणेश विसर्जन झांकी के दौरान अनियंत्रित डीजे के कानफोड़ू आवाजों से सड़क पर निकलना-चलना तो दूर घर में बैठना भी मुश्किल हो गया। दर्जनों लोगों ने घबराहट-बैचेनी की शिकायत की है।
Raipur Ganesh Visarjan : रायपुर। 30 सितंबर की देर शाम से लेकर रात भर गणेश विसर्जन झांकी में 100 से अधिक समितियाें ने झांकी निकाली। Raipur Ganesh Visarjan जिसमें से 70-75 प्रतिशत समितियाें ने धुमाल, बैंड बाजे संग कानफोड़ू डीजे लगा रखा था। एक-एक समितियाें की झांकियाे के साथ डीजे बाक्स दर्जनों की( 75-80) संख्या में नजर आए।
सुंदर नगर से लाखे नगर के मध्य 1 किलोमीटर का फासला है। एक टाइम पर 5 डीजे थे। जिनका साउंड इतना तेज था की झांकी देखने निकले लोग एक दूसरे की बात सुन नहीं पा रहे थे। वे इशारों में बात कर रहे थे। हालत का अंदाजा इसी से लगाए कि सड़क पर निकलना-चलना मुश्किल हो गया था। पांच-पांच समितियां एक के बाद एक थी जो डीजे का उपयोग लिमिट आवाज (पैमाने) से कहीं ऊपर कर साउंड तेज रखी हुई थी।अगल-बगल चलने वाले लोग हिल जा रहे थे जैसे मोबाइल वाइब्रेट होता है ठीक शरीर वाइब्रेट हो हुआ जा रहा था। यही स्थिति लाखेनगर, पुरानी बस्ती से ब्राह्मण पारा चौक और ब्राह्मण पर चौक से कोतवाली चौक के मध्य देखी गई। चाहकर भी झांकियों का निकट से अवलोकन नहीं कर पा रही थी। हथेलियों से कैमरा, मोबाइल सम्हालना मुश्किल हो गया था।
दर्जनों लोगों ने घबराहट एवं बैचेनी की शिकायत इस दौरान की। तो वही मार्ग में रहने वाले लोगों ने बताया कि वह घर पर हैं पर घबराहट हो रही है और चाहकर भी सो (नींद) नहीं पा रहे हैं। पुलिस ने ईद मिलादुन्नबी जुलूस के समय 15 डीजे संचालकों पर कार्रवाई की थी। तब डीजे संचालकों को गणेश विसर्जन झांकी के वक्त के लिए भी निर्देश जारी किए गए थे। पर संचालकों ने न केवल अनदेखी के वरन सारी हदें पार कर दी। लोगों ने शिकायत की है कि उनकी आवाज (शिकायत) कानून-प्रशासन तक नहीं पहुंच रही है या कि नहीं सुनी जा रही है। शहर के ईएनटी यानी (नाक-कान गला रोग विशेषज्ञ) का कहना है कि डीजे के चलते कान से सुनाई न देने, घंटियों सी आवाज आने या कम सुनाई देने की शिकायतें पिछले कुछ वर्षों से कई गुना बढ़ रही हैं। ततसंबंध में कलेक्टर के पास कई बार नागरिक संघर्ष समिति ने शिकायत की है। नियम भी बने पर कार्रवाई अपेक्षित न किए जाने से डीजे संचालकों की हौसला बढ़ता जा रहा है। मौके पर लगाए ड्रोन, सीसीटीवी खंगाल कर पुलिस को कार्रवाई की जानी चाहिए।
(लेखक डॉ. विजय )