शिवभक्तों, कांवरियों से गुलजार रहे मार्ग
शिवालयों में दर्शनार्थ मत्था टेकने अलसुबह से देर शाम तक तांता
रायपुर। सावन मास के चौथे सोमवार पर राजधानी समेत समूचे प्रदेश के शिवालयों में श्रद्धालु अलसुबह से देर शाम तक उमड़ते रहे।आराध्य के दर्शनार्थ एवं जलार्पण हेतु कतारबद्व दिखे। तमाम मार्ग भक्तों, कंवारियों से गुलजार रहें।
गौरतलब है कि इस बार सावन मास तकरीबन २ माह (अंग्रेजी तिथि) का है। इस दौरान 8 सोमवार पड़ रहे हैं। सोमवार को श्रद्धालु व्रत धारण करते हैं। वे अलसुबह उठकर दैनिक क्रियाकलापों से निपट, स्नान-ध्यान कर, साफ-धुले कपड़े पहन शिवालय जा रहे हैं। जलार्पण करने श्रद्धालु कलशों में पवित्र नदी, जलाशय से जल लेकर कांवर यात्रा करते हुए, बोल बम ओम नमः शिवाय का जयकारा करते उत्साह पूर्वक मंदिर जाते हैं। जहां कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते जलार्पण कर मत्था टेक इष्ट देवी देवता से मंगल कामना करते हैं।
मान्यता है कि सावन मास में श्रद्धा भाव से व्रत धारण करने वाले युवक-युवतियों को अच्छे वर-वधु की प्राप्ति होती है। वहीं विवाहित स्त्री-पुरुष के घर परिवार में संपन्नता आती है। प्रसन्नता फैलती है। लंबा वैवाहिक सुखमय जीवन मिलता है।
शहर के महादेव घाट स्थित हाटकेश्वर नाथ प्राचीन मंदिर में अलसुबह से कतार लगनी शुरू हो गई थी। सैकड़ों श्रद्धालु तो खारुन नदी तट पर स्नान-ध्यान कर, जल लेकर मंदिर पहुंचे। उधर शहर के प्रत्येक मार्ग में कांवरिए कलशों में जल लेकर बोल बम का जयकारा कर मंदिर जाते देखे गए।
उक्त नजारा प्रदेश के दीगर गांव, कस्बों, शहरों में भी देखा गया। श्रद्धालुओं की सेवा खातिर जगह-जगह पंडाल लगा विश्राम, जलपान एवं भंडारे की व्यवस्था लोगों ने कर रखी थी। जिसमें शिव भक्त जन परिवार, व्यापारी वर्ग, राजनैतिक दल, संस्था, समितियां, विभिन्न धर्मों के लोग शामिल है। कांवर रखने (टांगने) बकायदा स्टैंड बनाए गए हैं। 90 फीसदी श्रद्धालु आराध्य के दर्शनार्थ नंगे पैर, गेरुआ, पीला, लाल वस्त्र धारण किए हुए थे। इनका कांवर जहां-जहां से गुजरा वहां-वहां लोग (राहगीर) बकायदा रास्ता देते एवं जयकारा लगा उत्साहवर्धन करते देखे गए। समूचा प्रदेश शिवमय नजर आ रहा था। मंदिर के पास एवं मार्गों में चौक -चौराहो पर पूजा वास्ते संबंधित फूल सामग्री -बेलपत्ता, फूल, धूतरा, नारियल, अगरबत्ती, शृंगार सामग्री का फुटपाथी स्थल लगा था।