शिक्षक-विद्यार्थी खुद की जिम्मेदारी जवाबदेही तय करें – शिक्षाविद

नए शिक्षा सत्र में सुधार सकते हैं नतीजे

रायपुर छत्तीसगढ़। प्रदेश के तमाम राजकीय विश्वविद्यालयों में नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है। पिछले सत्र में ज्यादातर स्नातक-स्नातकोत्तर परीक्षाओं के नतीजे खराब आए। जिसे लेकर विद्यार्थी हो-हल्ला मचाते रहे। तो वही सारा दोष विद्यार्थियों पर मढ़ शिक्षक पल्ला झाड़ते रहें।

नए सत्र 2023-24 में तमाम राजकीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधार कर नतीजें अच्छे लाए जा सकते हैं। शिक्षाविदों का स्पष्ट कहना है कि इस हेतु शिक्षकों विद्यार्थियों दोनों के साथ प्रबंधन को भी ध्यान देना होगा। शिक्षक अगर ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ से खुद अध्ययन करके कक्षाओं में नियमित पढ़ायें समयबद्ध कोर्स पूरा कराए -बगैर पक्षपात मूल्यांकन करें। अपनी जिम्मेदारी, जवाबदारी स्वयं तय करें। खराब नतीजों के दोषी विद्यार्थी के साथ शिक्षक भी होते हैं। तथा इसी तरह विद्यार्थी नियमित तौर पर कक्षा में आए। अध्ययन कर कक्षा में ही समस्याएं शिक्षकों को बताकर निदान पाएं। अगर शिक्षक कोताही बरते तो प्रबंधन से चर्चा करें। नियमित मासिक जांच परीक्षा में शामिल हों। पांच वर्षों का प्रश्न पत्र घर पर बनाए। शिक्षक से उसका मूल्यांकन कराएं या खुद जांचे। तो उनके सफल उत्तीर्ण होने की संभावना बढ़ जायेगी। नोट्स अनिवार्य तौर पर तैयार कर शिक्षक से जांच कराएं।

शिक्षाविदों के अनुसार शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन-अध्यापन का माहौल गंभीरता पूर्वक बनाने की जिम्मेदारी शिक्षक एवं प्रबंधन दोनों की होती है। इससे बचने का प्रयास कार्य के प्रति अरुचि एवं शिथिलता कही जाएगी। शिक्षाविदों का सवाल है कि जब अच्छे, मेधावी विद्यार्थी की सफलता का श्रेय शिक्षक लेते हैं। तो विद्यार्थी शिक्षकों को स्वयं देते हैं तब खराब नतीजों की जवाबदेही जिम्मेदारी से भला कैसे क्यूंकर मुंह मोड़ते हैं, ऐसा करना खुद को धोखा देना है।

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