Wed. Jul 2nd, 2025

Chandrayaan-3: चंद्रमा के पांचवे कक्षा में पहुंचा, 17 अगस्त को प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे

ISRO: चंद्रयान-3 के लिए 16 और 17 अगस्‍त का दिन बेहद खास है। 16अगस्त की सुबह करीब 8.38 बजे चंद्रयान का इंजन एक मिनट के लिए ऑन किया गया था। जिसके बाद उसकी ऑर्बिट बदल दी गई। इसे पहले 153 km x 163 km की ऑर्बिट में था। चांद के चारों तरफ अब चंद्रयान-3 के सारे ऑर्बिट मैन्यूवर पूरे हो चुके हैं। चंद्रमा की पांचवीं और आखरी कक्षा में पहुंच गया है चंद्रयान।

इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद ISRO द्वारा सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स’ पर इसकी जानकारी दी गई। ISRO की ओर से लिखा गया “आज की सफल फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसी के सा‍थ Lunar Bound Maneuvres पूरे हुए। अब तैयारियों का समय आ गया है क्‍योंकि प्रोपल्‍शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने का काम 17 अगस्‍त को किया जाएगा”।

प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। चंद्रयान-3 के जरिए ISRO यह स्टडी करना चाहता है कि क्या चांद पर भी लाइफ संभव है। इसके साथ ही वहां के Atmosphere के बारे में भी स्टडी की जाएगी। वहां पहुंचने के बाद चंद्रयान यह पता लगाएगा कि वहां कि मिट्टी कैसी है। क्या वहां पानी का कोई सोर्स है। इसके साथ ही चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा।

17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। इसी दिन दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100 km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे। 18 अगस्त की दोपहर पौने चार बजे से चार बजे के बीच लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी। यानी उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी लाई जाएगी। 20 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात पौने दो बजे डीऑर्बिटिंग होगी। 23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। सबकुछ सही रहेगा तो पौने छह बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा।

About The Author