रेलवे सस्ता भोजन हेतु टोकन, कूपन टिकट के साथ जारी करें – इससे न भोजन बचेगा न खराब होगा

बल्कि डिमांड बढ़ेगी, ग्राहक संख्या का अनुमान भी रहेगा।

रायपुर। राजधानी समेत बिलासपुर दुर्ग के रेलवे स्टेशनों में केंद्र सरकार की रेलवे मंत्रालय सस्ता रेल खाना (जनता भोजन) शुरू कर दिया है। जो महज 20 रुपए एवं 50 रुपए का है। पर इसकी बिक्री अपेक्षित नही बताई जा रही है।

रेलवे अनुसार 20 रूपये में 7 पूरी,175 ग्राम आलू सब्जी, 150 ग्राम, चटनी उपलब्ध है तो 50 रुपए में 350 ग्राम राजमा-चावल, खिचड़ी, पाव-भाजी या मसाला डोसा या अंडा करी-चांवल कोई एक आइटम लिया जा सकता है। आम यात्रियों को मद्देनजर यह व्यवस्था शुरू की गई है।

रेलवे सूत्रों के अनुसार रेल भोजन या सस्ता जनता भोजन का उठाव अपेक्षित नहीं है। 10-15 प्रतिशत खाना (पैकेट) बचकर बासी हो खराब हो जा रहा है। दरअसल देखे तो इसका व्यापक प्रचार-प्रसार नही हुआ है। दूसरा कई बार गरीब यात्री या निम्न मध्य वर्गीय व्यक्ति संकोच वश (भाव ज्यादा होने का डर) वेंडर से पूछना नही। कईयों को जल्दबाजी में वक्त नहीं मिल पाता। ट्रेनों का ठहराव महज 2-3 मिनट रहता है। चिल्हर पैसे यात्री, वेंडर दोनों के पास कई बार नहीं रहते। आम यात्री गाड़ी छूट जाने या डिब्बे में चढ़ नहीं पाने के डर से सस्ता भोजन पैकेट लेना छोड़ आगे बढ़ जाता है तो कई यात्री तो तामझाम, महंगा होने का अंदेशा कर वेण्डर के पास नहीं जाता।

रेलवे को अपने इस नेक काम सस्ता खाने (भोजन) की बर्बादी या खराबी रोकने, डिमाण्ड बढ़ाने यानी को ग्राहकी (यात्री) बढ़ाने उनकी संख्या पता करने एक व्यवस्था की जानी चाहिए। टिकट बेचते वक्त काउंटर पर ही यात्री से ततसंदर्भ में पूछ लें। यानी काउंटर पर टिकट काटते (चाहे मैनुअल हो या ई. सिस्टम) यात्री से पूछे कि उसकी गंतव्य यात्रा फंला- फंला किमी है। क्या रस्ते में जनता खाना खायेगा। यात्री में 5-8 घंटे लगेगे। क्या वह (यात्री) रेलवे भोजन (सस्ता भोजन) चाहता है। अगर हां तो कितना पैकेट। परिवार,एकल,युगल हैं। इससे रेलवे का भोजन बेकार नहीं जाएगा। टिकट देते समय भोजन का उचित दाम 20 या 50 रुपए यात्री की टिकट में अलग से जोड़े। बदले में कूपन दें या टोकन। ऑनलाइन वाले की टिकट देख अतिरिक्त पैसे काउंटर मांगे। स्टेशन में किसी भी प्लेटफार्म के किसी भी हिस्से के पंजीकृत वेंडर को कूपन या टोकन देकर बदले में भोजन पैकेट यात्री ले सकेगा।ऑनलाइन सिस्टम में पहले ही थाली का खर्च आर्डर पर जोड़कर कूपन या टोकन काउंटर पर (स्टेशन) जारी हो। ध्यान रहे यात्री का रेलकर्मी कूपन-टोकन फर्जी न बना पाए।

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