रमा एकादशी : रमा एकादशी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली एकादशी हैं- जानिए व्रत पूजन विधि
रमा एकादशी : रमा एकादशी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली एकादशी
रमा एकादशी : रमा एकादशी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली एकादशी हैं -जानिए व्रत पूजन विधि रमा एकादशी रमा एकादशी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली एकादशी हैं -जानिए व्रत पूजन विधि रमा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। रमा एकादशी का व्रत बाकी सभी एकादशी में ये शुभ और फलदायिनी माना जाता है। क्योंकि इस एकादशी को भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं। इससे माता प्रसन्न हो धन-धान्य से सभी मनोकामना को पूर्ण करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो इस व्रत को रखता है उसे कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। रमा एकादशी का व्रत करने से सभी पाप मिट जाते हैं। इस साल रमा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा। साथ ही जानें पूजा विधि और महत्व।
रमा एकादशी व्रत तारीख
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। एकादशी तिथि के आरंभ सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर होगा और 9 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। दरअसल, एकादशी उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। इसी के साथ व्रत का पारण 10 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहने वाला है।
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि
माता लक्ष्मी के रमा स्वरूप को इस दिन पूजा किया जाता हिन् रमा के साथ ही श्री हरि विष्णु कि पूजा की जाती हैं। रमा एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद पीढ़ा में पीले या लाल वस्त्र का आसन बिछाये फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु का गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा विधि -विधान के साथ करें।
* इसके बाद भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवेद्य, पीले पुष्प, नारियल, पान, तुलसी का पत्ता अर्पित करें।
* इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ,विष्णु चालीसा,माता लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें साथ ही रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।
* पूजा के उपरांत माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आरती करें।
रमा एकादशी व्रत का लाभ
जो मनुष्य रमा एकादशी का व्रत करता है। उससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। साथ ही रमा एकादशी के व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से माँ प्रसन्न होती हैं। घर में धन-धान्य से भंडार भरा रहता हैं माँ की कृपा बनी रहती हैं। रमा एकादशी के दूसरे दिन ब्राह्मणों, गरीबों (जरूरतमंद) को दान करना चहिये। दान करने के पश्चात व्रत का पारण (खोलना) करना चहिए।