राजनाथ सिंह ने सराहा पुलिस का बलिदान और योगदान, नक्सलवाद पर कही ये बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को सराहा. उन्होंने कहा कि पुलिस राष्ट्र की सामाजिक अखंडता की रक्षा करती है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र की सेवा में पुलिसकर्मियों की ओर से दिए गए सर्वोच्च बलिदान पर बात की.
राजनाथ ने कहा कि अगर सेना, देश की रक्षा करती है, तो पुलिस समाज की रक्षा करती है. सेना भारत की भौगोलिक अखंडता की रक्षा करती है, तो पुलिस भारत की सामाजिक अखंडता की रक्षा करती है.
उन्होंने कहा, “सेना हो या पुलिस, ये दोनों ही देश की सुरक्षा के अलग-अलग pillars हैं. इसलिए मेरा ऐसा मानना है, कि दुश्मन कोई भी हो, चाहे सीमा पार से आए, या हमारे बीच छिपा हो, जो भी व्यक्ति भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा है, वह एक ही आत्मा का प्रतिनिधि है. सेना और पुलिस में बस मंच अलग है, लेकिन इनका मिशन एक ही है, राष्ट्र की रक्षा करना.
पुलिस के विश्वास से लोग चैन से सो पाते हैं- राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर लोग रात को चैन से सो पाते हैं, तो इसलिए कि उन्हें विश्वास होता है कि सीमा पर सेना है, और गली-मोहल्ले में पुलिस मुस्तैद है. यह विश्वास ही सुरक्षा की सबसे बड़ी परिभाषा है. यह विश्वास ही देश की स्थिरता की पहली शर्त है. आज देश के नागरिकों को भरोसा है, कि अगर मेरे साथ कुछ गलत हुआ, तो पुलिस खड़ी होगी. यह जो भरोसा है, यही हमारे देश की stability की नींव है.
नक्सलवाद पर बोलते हुए सिंह ने कहा, “एक लंबे समय तक, नक्सलवाद हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए समस्या रहा. एक समय था जब छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र इन सभी राज्यों के कई जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे. गांवों में स्कूल बंद थे, सड़कें नहीं थीं और लोग भय में जीते थे. लेकिन हमने ठान लिया कि इस समस्या को आगे नहीं बढ़ने देंगे. हमारी पुलिस, CRPF, BSF और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर जिस तरह संगठित तरीके से काम किया वह काबिल-ए-तारीफ है.
शीर्ष नक्सलियों का हुआ खात्मा
राजनाथ सिंह ने बताया कि इस साल कई शीर्ष नक्सलियों का खात्मा किया जा चुका है. Left wing extremism affected districts की संख्या भी अब बहुत कम बची रह गई है और वह भी अगले साल मार्च तक खत्म हो जाएगी. रक्षा मंत्री दावा किया कि अगले बरस ये सभी समस्याओं को खत्म कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र पहले नक्सलियों के आतंक से कांपते थे, आज वहां रोड, अस्पाताल, स्कूल और कॉलिज पहुंच चुके हैं. जो क्षेत्र कभी नक्सल हब हुआ करते थे, आज वो एजुकेशनल हब बन रहे है. आज वहां बच्चे मोबाइल चला रहे हैं, कंप्यूटर चला रहे हैं, बड़े सपने देख रहे हैं. भारत के जो क्षेत्र Red corridor के नाम से कुख्यात थे, वह अब ग्रोथ कॉरिडोर में बदल चुके हैं. सरकार जो इतने परिवर्तन कर पाई है, इसमें बहुत बड़ा योगदान हमारे पुलिस बलों का और सुरक्षा बलों का है.
हमने पुलिस को अत्याधुनिक हथियार दिए
राजनाथ ने बताया कि 2018 में National Police Memorial की भी स्थापना की. इसके अलावा हमने, पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं भी दी हैं. पुलिस बलों के modernization के लिए, राज्यों को भी रिसोर्स दिए जा रहे हैं. आज हमारे पुलिस बलों के पास Surveillance systems, drones, forensic labs और digital policing जैसे आधुनिक साधन हैं.

