पुलिस आत्ममुग्धता छोड़, कमर कसे अपराध का ग्राफ और गिराने की जरूरत

रायपुर। राजधानी में पुलिस ने वर्ष 2022 जनवरी से अगस्त (8 माह) की तुलना में वर्ष 2023 में उपरोक्त काल में अपराध घटने संबंधी विज्ञप्ति जारी की है। पुलिस ने मर्डर, सामान्य मारपीट, सट्टा-जुआ, चाकूबाजी आदि का जिक्र किया है।
पुलिस ने जो आंकड़े उपरोक्त संबंध में जारी करते हुए वर्ष 22 एवं 23 के शुरुआती 8 माहों की तुलना करते हुए अपराधों का ग्राफ नीचे आने (लाने) का श्रेय लेने की कोशिश की है। ग्राफ नीचे आने की वजह पुलिस ने मुस्तैदी, चेकिंग, धरपकड़, बदमाशों को जेल, पेट्रोलिग आदि को बताया है।
घटनाओं एवं पुलिस पर नजर रखने वालों को इस संदर्भ में कहना है कि पुलिस को आत्ममुग्धता त्यागनी चाहिए। ओर जीरो मामले पर टारगेट करना चाहिए। गर पिछले वर्ष के शुरुआत 8 माह से इस वर्ष के 8 माह की तुलना पेश कर रहे हैं तो इसका ग्राफ आधे से ज्यादा गिरना था। तब माना-समझा जाता कि पुलिस की दहशत बदमाशों के बीच बढ़ी है। अगर पुलिस अपने बताएनुसार मुस्तैद है तो ग्राफ में गिरावट पर्याप्त दिखनी थी। पर ऐसी कुछ खास गिरावट नहीं है कि वाहवाही लूटी जाए।
गणेशोत्सव सामने है संबंधित समितियाें (के सदस्य, पदाधिकारियों की) बैठक लेकर पुलिस दिशा-निर्देश एवं आगाह जारी कर दे। बदमाश युवा इस मौके का लाभ उठा देर रात तक घूमते-फिरते कुछ युवतियां भी घूमती हैं। उनके मध्य छोटी-मोटी बातों को लेकर भी मारपीट, चाकूबाजी हो जाती है। दुष्कर्म की भी घटनाएं बढ़ जाती हैं। लिहाजा पुलिस को ओर सजग-मुस्तैद रह कर जुट जाना होगा। पूरे 11-12 दिन उत्सव चलेगा। जिसकी आड़ में बदमाश घूमते-फिरते घटनाक्रमों को सरलता से अंजाम दे जाते हैं। पुलिस मोहल्ले स्तर पर वरिष्ठ नागरिक-महिलाओं की समिति बना उनसे फीडबैक लेकर बदमाशों का कालर पकड़ सकती है।
(लेखक डॉ. विजय)