गर्मी से अस्पतालों में बढ़ी मरीज़ों की संख्या, लू और पेट में इंफेक्शन की शिकायत

Raipur News :

Raipur News : अंबेडकर अस्पताल में 500 से ज्यादा मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। जिनमें से 20-25% तो लू के लक्षण, पेट में इन्फेक्शन, उल्टी-दस्त के मरीज होते हैं।

Raipur News रायपुर। सावधान हो जाए गर्मी बढ़ने से लू के मरीज तो वही हालिया हुई बारिश बाद वायरल फीवर रंग दिखने लगा है। बाहर खुले में बिक रहा जलजीरा, गन्ना रस, दूसरे फलों का रस, गुपचुप आदि खाने -पीने से पेट खराब होने लगा है। चिकित्सकों ने सलाह दी है बाहर खुले में बिकने वाली चीजें खाने- पीने से परहेज करें। जहां हाइजीन मेंटेन न हो रहा हो तो वहां पेय पदार्थ न पीएं।

पिछले कुछ दिनों से शहर समेत प्रदेश के सरकारी और निजी चिकित्सालयों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। अंबेडकर अस्पताल में 500 से ज्यादा मरीज रोजाना पहुंचते हैं। जिनमें से 20-25% तो लू के लक्षण, पेट में इन्फेक्शन, उल्टी-दस्त के मरीज होते हैं। बच्चों के विभाग पीडियाट्रिक’ में भी संख्या बढ़ रही है।

चिकित्सकों के अनुसार गर्मी में चीजें जल्दी खराब होती हैं। उनमे बैक्टीरिया जल्दी पनपता है। लिहाजा ताजा गर्म भोजन करें। बाहर पेय पदार्थ या नाश्ता खाना से बच्चे वजह वहां साफ- सफाई नही होने, आसपास नाली या गंदगी होने से खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ प्रदूषित हो जाते हैं। थोड़ी भी लापरवाही सेहत बिगड़ सकती है।

चिकित्सकों की सलाह है कि अगर बच्चा सुस्त दिखे तो चिकित्सक को दिखाएं। बड़ों की तुलना में बच्चों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम होने से वे जल्दी बीमार पड़ते हैं। बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में बैक्टीरिया के प्रवेश पर पहले उलटी फिर दस्त होने लगती है। बच्चा अगर 5-6 घंटे तक पेशाब न करे तो चिकित्सक को दिखाएं। बच्चों को ज्यादा धूप में बाहर न ले जाए। इसी तरह एकदम ठंडा वातावरण में भी न रखें। बड़े हो या छोटे या जवान खान-पान सीमित रखें समय पर लें। अत्यधिकखाने या कई प्रकार के खाद्य पदार्थ एक खाने से भी पेट खराब हो सकता है।

चिकित्सकों के अनुसार छोटे बच्चों को ऐसे कमरों (जगह ) में रखे जहां उन्हें पसीना न आए। अन्यथा वे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी ) से प्रभावित हो सकते हैं। मौसमी फल धोकर खाए। यथासंभव भरी दुपहरी में बाहर न जाए। जरूरी होने पर सिर बदन ढंक करले जाए। बाहर के पेय पदार्थ पीने से बचे। धूप से घर- दफ्तर लौटे तो तुरंत ठंडा पानी न पीए। कुछ देर रुककर ठहर कर पीए। यथासंभव बच्चों- बुजुर्गों को दुपहरी में बाहर न ले जाए।फ्रिज से कोई चीज निकाल कर तुरंत ना खाएं-पीए। थोड़ा सामान्य होने दें। अगर दुपहरी में बाहर जाना हो तो पंछा,तौलिया,स्कार्फ, छाते का उपयोग करें। खाली पेट धूप में न घूमे -फिरे संभव तो बाहर धूप में रंगीन चश्मा यानी गॉगल पहनकर निकले।

(लेखक डा. विजय)

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