शैक्षणिक भ्रमण पर ऊटी और मैसूर जाएंगे महापौर एजाज ढेबर समेत 56 पार्षद, वरिष्ठ पार्षदों ने बनाई दूरी

Raipur News: नगर निगम रायपुर की स्वच्छता रैंकिंग बढ़ाने शहर के महापौर समेत 56 पार्षदों का दल बेंगलुरु, मैसूर, ऊटी के शैक्षणिक दौरे पर आज मंगलवार को रवाना हो रहा है।
Raipur News रायपुर।नगर निगम रायपुर की स्वच्छता रैंकिंग बढ़ाने शहर के महापौर समेत 56 पार्षदों का दल बेंगलुरु, मैसूर, ऊटी के शैक्षणिक दौरे पर आज मंगलवार को रवाना हो रहा है। उधर भाजपा-कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ पार्षदों ने इससे दूरी बना ली है,तो वहीं भाजपा पार्षद प्रवक्ता ने सवाल खड़े किए हैं।
बताया जा रहा है कि सभापति प्रमोद दुबे जैसे वरिष्ठ कांग्रेस पार्षद ने इस दौरे से तौबा कर ली है,तो कुछ अन्य भाजपा कांग्रेस पार्षदों ने भी अपना नाम हटा लिया है। दरअसल, पिछले शैक्षणिक भ्रमण के दौरान इंदौर, दिल्ली,चंडीगढ़ के 3 स्टार होटलों में रुकने, एसी बसों में घूमने और फ्लाइट से आने-जाने पर हुए खर्च को लेकर जमकर बखेड़ा खड़ा हुआ था। तब तात्कालिक निगम आयुक्त प्रभात मलिक ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए अतिरिक्त फंड जारी करने से इनकार कर दिया था। पर इस बार ट्रेन में फर्स्ट क्लास हुआ सेकंड क्लास पात्रता के बावजूद फ्लाइट में बुकिंग की अतिरिक्त राशि को लेकर मामला गरमा रहा है। निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा ने एक चर्चा के दौरान स्पष्ट कर दिया कि जो पापत्रा है नियमानुसार उसी आधार पर फंड जारी होगा। इसके बाद अतिरिक्त राशि का इंतजाम कहां से होगा, वे (आयुक्त) नही जानते।
भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता (वरिष्ठ पार्षद) मृत्युंजय दुबे ने महापौर को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि अभी बारिश का मौसम है। शहर में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे समय में दूसरे शहर शैक्षणिक भ्रमण करने के लिए जाना केवल शासन के पैसे की बर्बादी है उन्होंने महापौर से सवाल करते कहा (पूछा) 2 वर्ष पूर्व जब सफाई देखने ऐसे ही शैक्षणिक दौरे (भ्रमण) पर गए थे। उसके बाद रायपुर की रैंकिंग सुधरने के बजाय और भी क्यों बिगड़ गई। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।
निगम में पार्षद पति-पत्नी के टूर(दौरे) पर भी जाने पर जाने के खर्च का मामला भी उठ रहा है। इससे यदि महिला पार्षद के साथ पति दौरे पर जाते हैं या पति पार्षद है और पत्नी साथ जाती है, तो उनका सारा खर्चा स्वयं पार्षद को उठाना पड़ेगा। उधर आमजनता सवाल उठा रही है कि नगर निगम चुनाव को महज 3 माह बचा है चुनाव, परिसीमन के नाम पर हाय तौबा मचा रहे पार्षद यह तक नही जानते कि पार्टी उन्हें फिर टिकट देगी या नही। देगी भी तो जीतेगे या हारेगे पता नही। ऊपर से बारिश से हादसे का खतरा शहर में बना रहता है। उपरोक्त स्थिति में शैक्षाणिक भ्रमण के नाम पर सिर्फ घूमने जाना जनता के पैसे का दुरुपयोग है। शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहे हैं। जबकि 4 दिन पूर्व परिसीमन टिकट के नाम पर रणनीति बना रहे थे।