PC में Rahul Gandhi ने दिखाए चौंकाने वाले सबूत, ‘वोट चोरों’ को बचाने का काम कर रही EC

Rahul Gandhi ने कहा कि वोटों की चोरी लंबे समय से हो रही है। 10-15 साल से सिस्टमैटिक तरीके से ऐसा हो रहा है। वह अपने साथ दो लोगों को लेकर भी आए थे। इनमें से एक का वोट डिलीट हुआ था। वहीं, दूसरे के नाम से डिलीट करने का आवेदन किया गया था।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर देश के चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया है। राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। राहुल ने गुरुवार को कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनकी पार्टी के समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार “लोकतंत्र की हत्या करने वालों” और “वोट चोरों” की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञानेश कुमार को ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद करना चाहिए और एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को कर्नाटक की सीआईडी के साथ पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए।
राहुल गांधी के आरोप पर निर्वाचन आयोग की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के आलंद विधानसभा क्षेत्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास सुनियोजित तरीके से किया गया। उनके अनुसार, जिनके नाम हटाने के प्रयास हुए और जिनके नाम का इस्तेमाल कर नाम हटाने के आवेदन दिए गए, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी।
यह हाइड्रोजन बम नहीं
राहुल ने कहा कि यह “हाइड्रोजन बम” नहीं है और वह आगे आने वाला है। राहुल गांधी ने कहा, ” मैं अपने लोकतंत्र, देश और संविधान से बहुत प्रेम करता हूं और ऐसी कोई बात नहीं करूंगा जो तथ्यों पर आधारित नहीं हो।” उनके मुताबिक, आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 मतदाताओं का नाम हटाने के लिए आवेदन दिए गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कांग्रेस मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया। राहुल गांधी ने दावा किया कि मतदाताओं के नाम हटाने के लिए जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हुआ वे कर्नाटक के बाहर के थे। उन्होंने मंच पर कुछ लोगों को पेश किया जिनके नाम मतदाता सूची से हटाने का प्रयास हुआ या उनके नाम इस्तेमाल करके ऐसा करने का प्रयास किया गया।
चुनाव आयोग पर जानकारी नहीं देने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा, ” इस मामले की जांच कर्नाटक की सीआईडी कर रही है। सीआईडी ने 18 पत्र भेजकर कुछ जानकारियां मांगी लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई क्योंकि इससे वहां तक पहुंचा जा सकेगा जहां से यह अभियान चलाया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजौरा विधानसभा क्षेत्र में इसी तरीके का इस्तेमाल करके 6850 नाम जोड़े गए। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को पूरा विवरण देना चाहिए और यदि ऐसा नहीं है तो फिर स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानेश कुमार “वोट चोरों” की मदद कर रहे हैं।
वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कही थी हाइड्रोजन बम की बात
राहुल गांधी ने बीते एक सितंबर को पटना में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन के मौके पर ‘वोट चोरी’ से जुड़े अपने पहले के खुलासे का हवाला देते हुए दावा किया था कि ‘‘एटम बम’’ के बाद अब ‘‘हाइड्रोजन बम’’ आने वाला है, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों को अपना ‘‘मुंह नहीं दिखा पाएंगे।’’ उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कथित वोट चोरी का मुद्दा बीते सात अगस्त को संवाददाता सम्मेलन के जरिए उठाया था। इस खुलासे को उन्होंने “एटम बम” कहा था।
राहुल की पीसी की बड़ी बातें
36 सेकेंड में एक व्यक्ति ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने के दो फॉर्म भरे। सुबह चार बजे के करीब ऐसा हुआ। असल में यह संभव नहीं है। कोई भी व्यक्ति इतने कम समय में दो फॉर्म नहीं भर सकता है और सुबह चार बजे ऐसा क्यों करेगा।
राहुल ने सूर्यकांत नाम के एक व्यक्ति को पेश किया, जिसने कथित तौर पर 14 मिनट में 12 मतदाताओं के वोट हटा दिए, जिनमें बबीता चौधरी का वोट भी शामिल था। हालांकि, सूर्यकांत या बबीता में से किसी भी व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं थी।