करोड़ों के भ्रस्टाचारियों पर नगरीय प्रशासन का सरंक्षण,दोष सिद्ध होने पर कार्यवाही के बजाय तबादला, नगरपालिका का अजब- गजब कारनामा
छत्तीसगढ़। सारंगढ़ /बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़ शासन की नगरीय प्रशासन विभाग की विशेष छत्रछाया नगर पालिका सारंगढ़ के प्रभारी सीएमओ और कर्मचारियों के ऊपर बनी हुई है। अलग-अलग तीन कार्यों में करोड़ों का भ्रष्टाचार करने के आरोप में जांच के बाद दोषी सिद्ध पाए जाने के बाद भी नगरीय प्रशासन और विकास विभाग दोषियों पर कार्यवाही करने से कतरा रही है ।
भ्रष्टाचार में लिप्त नगर पालिका के प्रभारी सीएमओ संजय सिंह और उपयंत्री तारकेश्वर नायक सहित कर्मचारियों ने मिलकर विकास कार्यों के लिए प्राप्त राशियों को आसानी से गबन कर दिया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों की सजकता से नगर पालिका में हुए करोड़ों का भ्रष्टाचार के मामले का विरोध करते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को लिखित शिकायत किया गया, शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा जांच टीम गठित कर जांच भी की गई, जिसमें सभी शिकायत सही पाया गया और प्रभारी सीएमओ सहित कर्मचारी तारकेश्वर नायक दोषी सिद्ध हुए। इनके बावजूद भ्रष्टाचारियों को शासन के आला अधिकारियों से संरक्षण मिलता रहा है।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी सिवाय कागजी कार्यवाही के कुछ नहीं हुआ और तबादले का टैग लगाकर दूसरे नगर पंचायत का प्रभार दे दिया, नगरीय प्रशासन विभाग के इस मेहरबानी और विभाग के कार्य प्रणाली पर लोगों का विश्वास उठने लगा है ।जहां करोड़ों के भ्रष्टाचार में दोषी सिद्ध अधिकारी व कर्मचारी को शासन के विभाग द्वारा तबादला कार्यवाही कर अपना खानापूर्ति किया गया ।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही सिर्फ कागजों में
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, उप सचिव छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा दोषी प्रभारी सीएमओ संजय सिंह के खिलाफ नगर पालिका परिषद सारंगढ़ में मुंडा तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु बिना प्रशासनिक स्वीकृति के निविदा आमंत्रण किया गया एवं बिना समक्ष स्वीकृति के निर्माण कार्य प्रारंभ होना पाया गया जो शासन के निर्देशों की घोर अवैधना पाया गया । जिसपर राज्य शासन के द्वारा दोषी प्रभारी सीएमओ को छत्तीसगढ़ राज्य नगर पालिका सेवा भर्ती तथा सेवा शर्त नियम 2017 के नियम 33 के प्रावधान अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबन करने तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की प्रदान करने लिखित कार्यवाही प्रेषित की गई थी । मगर आश्चर्य की बात क्या है नगरी प्रशासन विभाग की इस कार्यवाही पर कार्यवाही महज कागजों पर ही सिमट कर रह गई बल्कि भ्रष्टाचार अधिकारी और कर्मचारियों को नई जगह स्थानांतरण कर संरक्षण भी दिया गया ।
विभाग ने जाँच पर इन मामलों में पाया दोषी
(1) विभाग के जांच टीम ने 12 लाख के फर्जी सैनिटाइजर घोटाले में जांच के बाद दोषी पाया।
(2) खैराह सीसी रोड में निर्माण में 35 लाख गबन पर दोषी पाया ।
(3) 3 करोड़ मुंडा तालाब टेंडर में घोटाला दोषी सिद्ध ।
12 लाख के फर्जी सैनिटाइज़र खरीदी की जांच के लिए राजभवन छ.ग. से कलेक्टर सारंगढ़ को निर्देश
नगर पालिका सारंगढ़ में पदस्थ पूर्व सीएमओ और कर्मचारियों ने कोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी में भी शासन के पैसों को आपसी सांठ- गांठ से फर्जी सेनिटाइजर की खरीदी कर लाखों रुपए गबन कर दिया। सूचना के अधिकार से निकाले गए दस्तावेजों और मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में 12 लाख गबन प्रमाणित हो जाने के बावजूद भी विभाग दोषियों को बचाने कार्यवाही के नाम पर लीपापोती कर इस मामले में भी खानापूर्ति किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी ठेकदार और दोषी पाए गए अधिकारी कर्मचारी सिस्टम में बैठे आकाओं के छत्रछाया में अपने खिलाफ कार्यवाही को रुकवा दिए थे लेकिन अब राजभवन ने कार्यवाई के सख्त निर्देश दे दिए हैं, अब विभाग को दोषी पाए गए भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही होनी तय है । सारंगढ़ नगर पालिका में लाखों करोड़ों का गबन कर अपना जेब भर कर ट्रान्सफार हो चुके भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी के साथ साथ आम जनता के लिए आये करोड़ों रुपयों को गबन करने वाले ठेकेदार की अब नींद उड़ने वाली है ।
35 लाख रुपए के निर्माण कार्य में पाए गए थे दोषी
निर्माण कार्य के लिए राशि स्वीकृत होने के बाद स्थल का परिवर्तन करना कर दिया गया। शासन के द्वारा कार्य को निरस्त करने के बाद भी ठेकेदार और कर्मचारियों के सांठ गांठ से 35 लख रुपए का भुगतान करने का मामला भी प्रकाश में आया था। नगरी प्रशासन विभाग के द्वारा इस संबंध में शिकायत पत्र नोट सीट, जांच प्रतिवेदन और अन्य समस्त सूचना अधिकार प्रदान करने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी नगर पालिका के दोषी अधिकारियों पर अब तक कार्यवाही होनी बाकी ।
दोषी पाए गए अधिकारी कर्मचारी
सारंगढ़ नगर पालिका में अधोसंरचना मद से प्राप्त स्वीकृत निर्माण कार्य में मनमानी करते हुए सीएमओ राजेश तिवारी,प्रभारी सीएमओ संजय सिंह, उपयंत्री तारकेश्वर नायक और उप यंत्री प्रीतम देवांगन तथा ठेकेदार सूरज अग्रवाल को पूरे प्रकरण में उत्तरदाई पाया गया था । अधिकारियों पर कार्यवाही हेतु जांच प्रतिवेदन में अनुशंसा भी किया गया परंतु आज पर्यंत इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।
वर्तमान सीएमओ और ठेकेदार ने नगरीय प्रशासन को मांगा 17 लाख
पूर्व प्रभारी सीएमओ और ठेकेदार की मिलीभगत से सेनिटाइजर खरीदी में 12 लाख रुपये की गड़बड़ी की गई थी, उस काम मे पूरी स्वीकृत राशि नगर पालिका को नही दी गयी थी और प्राप्त राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गई । वर्तमान में उस मद की शेष राशि के लिए सीएमओ और ठेकेदार ने निकाय को मांग पत्र लिखा है ।
मैं देखवा लेता हूँ प्रकरण को, यदि मंत्रालय और माननिय लोक आयोग मे सारंगढ़ को पूर्व मे स्वीकृत सेनिटाइजर खरीदी की जाँच चल रही है तो और नई स्वीकृति नहीं होगी, जब तक जाँच ना पूर्ण हो जाए, कोई राशि जारी नहीं होगी।
एस.के.सुंदरानी
( संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन )