सिम्स में नए इमरजेंसी वार्ड बनाने के लिए भेजा राज्य शासन को प्रस्ताव, स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की होगी नियुक्ति

बिलासपुरनेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की गाइडलाइन के मुताबिक हर मेडिकल कॉलेजो में नया इमरजेंसी वार्ड रहना अनिवार्य है। इसके लिए कई मानदंड तय किए गए हैं। इन मानदंडो के मुताबिक ​​सिम्स में नए इमरजेंसी वार्ड के लिए प्रस्ताव बनाया गया है। इमरजेंसी वार्ड बनने के बाद स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। जैसे ऑर्थो, मेडिसिन, सर्जरी, शिशु, एनीस्थिसिया के​ विशेषज्ञों की होगी भर्ती। नए वार्ड बनने से लोगो को मिलेगी तत्काल चिकित्सा।
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सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे के मुताबिक नया इमरजेंसी वार्ड आपात स्थिति में पहुंचे मरीजों को ज्यादा बेहतर सुविधा प्रदान करेगा। मौजूदा स्थित में उनके पास एकमात्र कैजुअल्टी है। जहां प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों के संबंधित विभाग में शिफ्ट करना पड़ता है। नया इमरजेंसी वार्ड बनने के बाद उन्हें मौके पर पूरा इलाज मिलेगा। इसके लिए जगह भी लगभग फाइनल हो गया है।

परेशानियों से जूझ रहे मरीज़

सिम्स के ओपीडी में रोज एक हजार से अधिक आपात स्थिति वाले मरीज पहुंचते हैं। सब से पहले उन्हें जाँच के लिए भर्ती कराया जाता है। इसके बाद उनका इलाज शुरू होता है। नया वार्ड बनने के बाद यहां नियुक्त किए गए डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हर वक्त मौजूद रहेंगे। कैजुअल्टी वार्ड के डॉक्टर फिलहाल मरीजों को जांचने के बाद उन्हें वार्डों में रेफर करते हैं। नया इमरजेंसी वार्ड बनने के बाद ऐसा नहीं होगा। इमरजेंसी वार्ड के लिए अलग से नर्स के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ और आया स्तर के कर्मचारी भी रखे जायेंगे। अनुभवी डॉक्टरों की नियुक्ति और बाकी स्टाफ की भर्ती के लिए राज्य शासन को जानकारी भेज दी गई है।

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