शासन-प्रशासन सब्जियों के दामों पर नियंत्रण हेतु समिति बनाए, कथित ट्रक हड़ताल का बहाना कर भाव बढ़ाए हुए

सब्जियों के दाम बढ़े
रायपुर न्यूज : रायपुर समेत प्रदेश भर में सब्जी बेचने वाले कभी बाज नहीं आते, कभी थोक वाले, कभी दलाल तो कभी चिल्हर वाले मुनाफाखोरी करने से पीछे नहीं रहते। बस उन्हें बहाना मिलना चाहिए। आमजनों को मनचाही सब्जी की खरीददारी से वंचित करती है। जिस पर शासन-प्रशासन को ध्यान देने नियंत्रण की शायद फुर्सत नहीं रहती।
बताया जा रहा है कि सब्जी मंडियों में आवक पर्याप्त है। ट्रक वालों की हड़ताल 3 दिन पूर्व खत्म हो चुकी है। थोक में भाव ठीक है। पर इस बार चिल्हर वालों को मौका मिल गया है। जो ठेलों या अन्यत्र सब्जी बाजारों में चिल्हर भाव पर सब्जी बेच रहे हैं। जो ट्रक हड़ताल के प्रभाव का कथित बहाना,रोना अब भी रो रहे हैं। और थोक से लिए गए माल 10-15 रुपए किलो बढ़ाकर बेच रहें हैं।
थोक में टमाटर 8 से 10 चिल्हर पर 25 से 30 रुपए किलो बेचा जा रहा है। गोभी थोक 40, चिल्हर 60 से 70 रुपए किलो। मुनगा थोक में 60, चिल्हर में 80-90 रुपए किलो, पत्ता गोभी थोक 18 से 20 तो चिल्हर में 40-50 रुपए। मटर थोक 40 तो चिल्हर में 50 से 60 रुपए किलो, गाजर थोक में 30 जबकि चिल्हर में 50 -60 रुपए किलो, धनिया थोक 50-55 तो चिल्हर में 80-90 रुपए किलो बेचा जा रहा है।
चर्चा है कि चिल्हर वाले आमजनों खासकर महिला वर्ग से ट्रक हड़ताल से पड़े कथित असर का प्रभाव बने रहने का हवाला देकर, चिल्हर में भाव बढ़ाकर बेच रहें हैं। लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन को प्रदेश स्तर पर एक भाव रखने एक समिति बनानी चाहिए। जिसमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, जगदलपुर, धमतरी, नंदगांव, खैरागढ़, कवर्धा आदि जगहों के आम लोग सदस्य बनाकर ऑनलाइन बैठक कर रोजाना भाव तय करें।