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ऑनलाइन गेमिंग विधेयक और आयकर अधिनियम को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, अब बन गया कानून

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ऑनलाइन गेमिंग विधेयक और आयकर अधिनियम 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू से मंजूरी मिलने के साथ ही अब दोनों कानून की शक्ल ले चुके हैं।

ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 और आयकर अधिनियम, 2025 शुक्रवार (22 अगस्त) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद आधिकारिक रूप से कानून बन गया है। संसद ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी, जिसे लोकसभा ने बुधवार (20 अगस्त) को और राज्यसभा ने गुरुवार (21 अगस्त) को अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, जिन्होंने इस विधेयक का संचालन किया, ने इसे एक “संतुलित दृष्टिकोण” बताया जो ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रोत्साहित करता है और साथ ही धन-आधारित हानिकारक गेमिंग प्रथाओं पर रोक लगाता है।

ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पर क्या बोले अश्विनी वैष्णव

वैष्णव ने संसद को बताया, “यह विधेयक गेमिंग के सकारात्मक पहलुओं, जैसे टीम वर्क, रणनीति और सीखने को बढ़ावा देने का प्रयास करता है, साथ ही ऑनलाइन मनी गेमिंग के विनाशकारी परिणामों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जो एक जन स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है।” मंत्री ने कहा, “जिस तरह चिटफंड ने एक समय परिवारों को तब तक बर्बाद कर दिया था जब तक कि उन्हें रोकने के लिए कानून नहीं लाया गया, उसी तरह मनी गेमिंग के खतरे को भी संबोधित किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरह के नीतिगत फैसलों में मध्यम वर्ग और युवाओं के कल्याण को लगातार प्राथमिकता दी है।

नए आयकर कानून को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुराने आयकर कानून की जगह लेने वाले आयकर अधिनियम, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है। नया आयकर अधिनियम अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू होगा। नया अधिनियम कर कानूनों को सरल बनाने के साथ कानून में शब्दों की संख्या भी कम करेगा, जिससे इसे समझना आसान हो जाएगा। आयकर विभाग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आयकर अधिनियम, 2025 को 21 अगस्त, 2025 को माननीय राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। यह 1961 के अधिनियम की जगह लेने वाला एक ऐतिहासिक सुधार है जो एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन-अनुकूल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत करता है।’’

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