दक्षिण रायपुर कांग्रेस से प्रमोद दुबे मजबूत उम्मीदवार होंगे … !

रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से इस बार चार उम्मीदवारों पर चर्चा है- पूर्व प्रत्याशी कन्हैय्या अग्रवाल पूर्व निगम महापौर, वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे महापौर एजाज ढेबर सुशील सन्नी अग्रवाल। चारों में प्रमोद दुबे का नाम आगे चल रहा है ओर तकरीबन तय बताया जा रहा है।
प्रमोद दुबे वर्तमान में नगर निगम के सभापति हैं वे पूर्व में महापौर रह चुके हैं। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं। कई बार पार्षद चुनाव जीत चुकें हैं। करीब 30-32 वर्षों से कांग्रेस से जुड़े समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते हैं। सामान्य तौर पर उनकी छवि पार्टी एवं विपक्ष के मध्य भी साफ-सुथरी रही है। दोनों में उनके दोस्त- यार,परिचित बड़ी संख्या में हैं।
दक्षिण रायपुर से भाजपा उम्मीदवार वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल बने रहेंगे इसकी व्यापक संभावनाएं हैं। उनसे श्रेष्ठ प्रत्याशी पार्टी के पास फिलहाल क्षेत्र में नहीं है। इस हिसाब से देखे तो अग्रवाल के विरुद्ध अच्छा, दमदार, गैर विवादास्पद, पकड़ बनाए रखने वाले उम्मीदवार के तौर प्रमोद दुबे खरे बैठते हैं। वे मूल रूप से ब्राह्मणपारा निवासी हैं जो दक्षिण रायपुर का क्षेत्र है। वर्तमान में सुंदर नगर निवास करते हैं। जहां ब्राह्मण वर्ग बहुतायत में है। उसके साथ ही रायपुरा, भाठागांव अश्विनीनगर, कुशालपुर, पुरानी बस्ती, को खो-खो पारा, कायस्थपारा, सदर बाजार, बुढ़ापारा, सत्ती बाजार, कंकाली तालाब आदि परिक्षेत्रों में गहरी पैठ उनकी है।
चर्चा है कि महापौर एजाज ढेबर जातिगत मामलों के कारण- प्रमोद दुबे से 17 साबित होंगे। जबकि सन्नी अग्रवाल की पकड़ उनके (दुबे) मुकाबले एक तिहाई नहीं है। रही कन्हैय्या अग्रवाल की बात तो वे पिछले चुनाव में 10 हजार मत भी नहीं प्राप्त कर पाए थे। प्रमोद दुबे सक्रिय होने के साथ मिलनसार भी हैं। सांसद का चुनाव लड़कर अच्छे वोट बटोरे थे। यह दीगर बात है पीएम मोदी की लोकप्रियता के कारण भाजपा का उम्मीदवार जीत गया था।
बूढ़ातालाब धरना स्थल का जब सदर, बुढ़ापारा, नेहरू नगर, बूढ़ेश्वर मंदिर इलाका निवासियों, व्यवसयियों ने विरोध किया तो उनके समर्थन में प्रमोद दुबे उतर आए। जिससे आंदोलन को गति मिली। बाद में महापौर एजाज ढेबर भी जुड़ गए। धरना स्थल परिवर्तित हुआ जिसका श्रेय ज्यादातर लोग प्रमोद दुबे को देते हैं। जिन्होंने (दुबे) वर्षों पुरानी मांग को निगम सभापति होते हुए भी व्यापक समर्थन दिया साथ ही खुद भी धरना में बैठते रहें। आखिरकार धरना स्थल नया रायपुर स्थित तूतागांव ले जाना पड़ा। चर्चा तो यह भी है कि वर्तमान विधायक पूर्व मंत्री विधायक बृजमोहन अग्रवाल सदर बाजार, सत्ती बाजार, पुरानी बस्ती आदि जगहों पर अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। तो उक्त धरने प्रदर्शन की सफलता, मांग पूरी होने पर उन्होंने मारवाड़ियों अग्रवालों के बीच अपनी पैठ बनाई है। जो टिकट मिलने पर काम आएगी।
(लेखक डॉ. विजय)