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Raipur News 2023 : मध्य रात्रि पूर्व होटल, बार, क्लब,रेस्तरां बंद कराए, पुलिस-प्रशासन को सख्ती बरतनी होगी

Raipur News 2023 :

Raipur News 2023 :

Raipur News 2023 : पुलिस प्रशासन दबाव में न आए, लोग झूठी शान-शौकत से ऊबरे

Raipur News 2023 : राजधानी के तेलीबांधा थाना अंतर्गत तेलीबांधा, वीआईपी चौक एवं माना रोड में जोरा ; या इन Raipur News 2023 क्षेत्रों में स्थित बड़े होटल, माल, क्लबों में हर डेढ़ -दो माह में देर -रात, शराब पीकर युवक-युवतियाें के मध्य मारपीट, गाली-गलौज, पुलिस से झगड़ने,अपनी पहुंच ऊपर तक बता वर्दी उतरवा देने की धमकी- चमकी देने की घटनाएं घट रही हैं। इन सबके बावजूद जिला प्रशासन-पुलिस सख्ती नहीं बरतती। जिससे वारदात बढ़ी है।

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ततसंदर्भ में अक्सर उपरोक्त इलाकों का मुआयना देर रात करता रहता है। जिसमें पुलिस एवं जिला प्रशासन की अनदेखी या नरमी-ढिलाई भी एक वजह के तौर पर सामने आती है। राजधानी के वरिष्ठ नागरिक को आए दिन यह मांग करते रहते हैं कि मध्य रात के पूर्व 11बजे तक तमाम होटल, बार, क्लब बंद कराए जाए। केवल बाहर से आने वाले यात्रियों की टिकट देखकर उन्हें होटलों में ठहरने जाने दिया जाए।

पर देखने में आ रहा है पिछले कुछ वर्षों से (कोविड पूर्व) माना विमानतल रोड स्थित मॉल, बड़े होटलों, बार क्लब या वीआईपी चौक, महासमुंद रोड या कि तेलीबांधा इलाके के होटल, क्लब, मॉल में भोजन करने, पार्टी मनाने, कोई कार्यक्रम देखने, बार जाने वाले लोग रात 10-11 बजे जाना और वहां के मध्य रात्रि बाद 1-2 या 3 बजे लौटना फैशन, स्मार्टनेस समझते हैं। सर्वे टीम ने पाया कि पुलिस- पूछताछ में बड़े परिवार, धनाड्य घर के लोग अक्सर शराब पीए होते हैं। वे महानगरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता का हवाला देकर कहते हैं। कि वहां लोग 10-11 बजे रात जागकर तड़के 4-5 बजे तक लौटते हैं। ज्यादा- पूछताछ पर अपनी पहुंच ऊपर तक होने, मौलिक अधिकार, रात घूमने-फिरने का, वर्दी उतरवा देने की धमकी देते हैं। चूंकि मध्य रात बाद ड्यूटी में केवल सामान्य पुलिस के जवान रहते हैं। जिनमें से ज्यादातर डर जाते हैं। उनके साथ बड़े पुलिस अधिकारी इतनी रात नहीं रुकते।

दूसरी ओर मध्य रात बाद लौटने वाले 80 से 90 प्रतिशत लोग नशे में होते हैं। इतनी रात गए ट्रैफिक कम होता है। पर भारी वाहन चालकों के लिए जी रोड पर आवागमन खुला रहता है। तो वहीं कुछ रईसजादे नशे में आपस में कंपीटिशन करते हैं। नतीजन गाड़िया टकराती हैं या आपस में रगड़ती है। ओवरटेक के चक्कर में। यहां एक और बात सर्वे टीम ने महसूस की और पाया कि देर रात लौटने वाले सड़क पर कैसे भी ड्राइव करना अपना अधिकार,शान समझ लेते हैं। वे नशे में नियम -कानून भूल जाते हैं। उपरोक्त कुछ वजहों से आपस में तनातनी बढ़ती है। जो मारपीट,गाली- गलौच से आगे भी चली जाती है। एक अन्य वजह हर कोई अपने आप को सामने वाले से ज्यादा बड़ा,ज्यादा धनाड्य,अधिक पहुंच वाला समझता है और उलझ जाता हैं।

सर्वे टीम ने इन समस्या के निवारण बाबत बुजुर्गों से चर्चा की तो उनका तर्क है कि रात 11 के बाद तमाम होटल, क्लब, बार,आदि सख्ती पूर्वक अनिवार्यतः बंद कराने से 90 फीसदी घटनाए बंद हो जाएगी। सामाजिक संगठनों का कहना है कि होटलों, बारों, क्लबों, मॉल आदि में रात 11 के बाद किसी भी तरह के कार्यक्रम की इजाजत नहीं देनी चाहिए। व्यापारिक संगठनों का कहना है कि होटल, मॉल, क्लब, बार आदि पेशे-धंधे से जुड़े लोगों पर रईसों, राजनैतिक लोगों, गुंडों का दबाव होता है। जो यह कहकर देर रात दबाव डालते हैं कि कुछ होने पर वे सब कुछ सम्हाल लेगे।

बहरहाल ऐसी घटनाएं शहर के अन्य परिक्षेत्र में कम ही घटती है। जिसके पीछे बड़ा कारण शहर के अंदर धरपकड़, छापामारी, घेराव जल्द-संभव है। बनिस्पत तुलना बाहरी क्षेत्रों के। दूसरी सामाजिक दबाव भी शहर के अंदर रहता है। जैसे लोग महसूस करते हैं। कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा। शहर के अंदर की पुलिस जल्दी पहचान लेती है। पुलिस का कहना है कि एकल परिवार बड़े हैं। जिन पर ज्यादा जिम्मेदारी नहीं होती। घर पर रोक-टोक के लिए वृद्ध रिश्तेदार नहीं रहते। ऐसे लोग देर रात घूमना-फिरना शान समझते हैं। नाम न बताने की शर्त पर पुलिस के जवान कहते हैं कि राजनैतिक दलों ने नेता,कार्यकर्ता,कला क्षेत्रों के लोग भी देर रात घूमने निकलना शान समझते हैं। शहर में शांति, अमन, चैन चाहते है तो झूठी शान-शौकत से बाहर आकर यथार्थ का दामन थामें।

(लेखक डॉ. विजय )

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