PM मोदी लॉन्च करेंगे 2 कृषि योजनाएं, शिवराज सिंह बोले- ‘2014 से 40% तक बढ़ा उत्पादन

स्थिति कंट्रोल में'', MP में बारिश और जलभराव पर मीटिंग के बाद बोले CM शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब भारत सरकार छह आयामों पर काम कर रही है। सरकार की कोशिश उत्पादन बढ़ाने के साथ ही लागत कम करने की है। वहीं, खेती के उत्पादों में विविधता लाने की कोशिश जारी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि केंद्र सरकार देश में किसानों की स्थिति बेहतर करने के लिए छह आयामों पर काम कर रही है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में कृषि और किसान कल्याण विभाग देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने और लोगों तक पोषण युक्त अनाज पहुंचाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि देश की 46% आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। इन किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार छह आयामों पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को पीएम मोदी किसानों के लिए दो नई योजनाएं लॉन्च करेंगे।
शिवराज सिंह ने ‘प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भर मिशन’ पर एनएमसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों योजनाओं का लोकार्पण, प्रधानमंत्री द्वारा 11 अक्टूबर को एनएएससी, पूसा, नई दिल्ली में किया जाएगा।
इन छह आयामों पर काम कर रही सरकार
- उत्पादन बढ़ाना
- उत्पादन की लागत घटाना
- उत्पादन का ठीक दाम दिलाना
- नुकसान होने पर भरपाई करना
- कृषि का विविधीकरण करना
- प्राकृतिक खेती पर जोर देना
40 फीसदी तक बढ़ा उत्पादन
शिवराज ने कहा कि धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रहे यह चिंता भी जरूरी है। उन्होंने कहा, “मुझे कहते हुए गर्व है कि 2014 से लेकर अब तक कुल खाद्यान्नों का अगर हम उत्पादन देखें, तो यह लगभग 40% के आसपास बढ़ा है। गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली इनके उत्पादन में हमने रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। इसी का परिणाम है कि हम गेहूं और चावल में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, भंडार भरे हैं। 4 लाख करोड़ से ज़्यादा का हमने कृषि उत्पादों का निर्यात किया है।”
इन पहलुओं पर काम कर रही सरकार
शिवराज ने कहा कि पूरे देश में उत्पादन एक समान नहीं है। अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में भी अलग है। अब कम उत्पादन वाले जिलों की पहचान कर वहां उत्पादन बढ़ाने के लिए कोशिशें की जाएंगी। उन्होंने कहा, “अगर कम उत्पादकता वाले जिलों को हम राष्ट्रीय औसत पर भी ले आएं तो देश का कुल उत्पादन बढ़ जाएगा। हमारी जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी। 100 जिले चयनित किए गए हैं जिन पर हम फोकस करेंगे। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे। वहां सिंचाई की व्यवस्था, भंडारण की व्यवस्था बेहतर की जाएगी। हमने देखा है कि इन जिलों में ऋण सुविधा (किसान क्रेडिट कार्ड) का उतना उपयोग नहीं है, उसके उपयोग को बढ़ाना है। फसलों में विविधीकरण करना है। कई जगह जहां धान पैदा होती है तो काटने के बाद वे खेत खाली छोड़ दिए जाते हैं, तो उनमें दलहन की फसल बहुत अच्छे तरीके से हो सकती है।”
11 अक्टूबर को लॉन्च होंगी योजनाएं
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल की सघनता में भी वृद्धि करेंगे, सिंचाई की सुविधाओं में भी विस्तार करेंगे और दीर्घ व अल्पकालिक ऋणों की सुविधा को बढ़ाने का काम करेंगे। यह जो कार्य योजना बनी है, यह आकांक्षित जिले जो कई पैरामीटर्स पर नेशनल एवरेज से नीचे थे, उसी मॉडल पर हमने बनाई है। नीति आयोग इसके डैशबोर्ड के माध्यम से निगरानी करेगा और केवल एक नहीं, 11 विभागों की 36 योजनाओं का कॉन्वर्जन करके हम यह उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास करेंगे। 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश जी का जन्मदिन है, उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों पूसा संस्थान में इन योजनाओं को लॉन्च किया जाएगा।
10 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य
शिवराज ने कहा, “हमारे किसानों की आय बढ़ाने का प्रयत्न है। हमारे किसान छोटे किसान हैं। लैंडहोल्डिंग एक, डेढ़, दो एकड़ की है। अकेले चाहे आदान लेना हो, उत्पादन बढ़ाना हो, उनके पास इतना नहीं होता है कि वे उसे दूर तक ले जा सकें। इसलिए कल्पना है कि FPO’s बनाए जाएँ। ऐसे 10 हजार FPO’s बनाने का लक्ष्य रखा था। 2020 में 10 हजार FPO’s बन गए हैं। लेकिन प्रसन्नता की बात यह है कि उनमें से 1100 FPO’s ऐसे हैं जिनका टर्नओवर 1 करोड़ रुपए से ज़्यादा है। 52 लाख से ज़्यादा किसान FPO’s के शेयरहोल्डर हैं। 15 हजार करोड़ से ज़्यादा का टर्नओवर है। कई तरह का काम कर रहे हैं। प्रोसेसिंग का काम भी कर रहे हैं, अलग-अलग तरह के उत्पाद बना रहे हैं। मार्केटिंग में भी उन्हें सहयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी ऐसे FPO’s को सम्मानित करने का काम भी करेंगे।”
केमिकल फर्टिलाइजर मुक्त खेती का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमने प्राकृतिक खेती का एक मिशन लॉन्च किया था। उर्वरकों का संतुलित उपयोग एक लक्ष्य तो यह है और दूसरा केमिकल फर्टिलाइजर से मुक्त खेती, और डोंग जैसे जिले इसका उदाहरण हैं, जहां बिल्कुल भी केमिकल फर्टिलाइजर उपयोग नहीं होता है। अब प्राकृतिक खेती में भी अब तक लगभग 15 लाख 44 हजार किसानों को नामांकित किया गया है और 6 लाख 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर प्राकृतिक खेती करेंगे। इनमें से विशेष बात यह है कि डेढ़ लाख किसान जिन्होंने प्राकृतिक खेती की है, वे अब सर्टिफिकेशन करवा रहे हैं, तो उनमें से चिन्हित किसानों को प्रधानमंत्री जी प्राकृतिक खेती के लिए प्रमाणपत्र भी देंगे।”
पोस्ट हार्वेट मैनेजमेंट सुधरा
शिवराज ने कहा, “हमारे यहां पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट बहुत पुअर था फसल कटाई के बाद का प्रबंधन, भंडारण, प्रसंस्करण की व्यवस्था नहीं थी। उसके लिए प्रधानमंत्री जी ने कोविड काल में 1 लाख करोड़ रुपए का AIF की घोषणा की थी। अब 1 लाख करोड़ नहीं, 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत हो गई हैं, जिनमें से कई का काम प्रारंभ हो गया है। 35 हजार 77 कस्टम हायरिंग सेंटर, 24 हजार 777 प्रसंस्करण की इकाइयां, 17 हजार 151 वेयरहाउस, 2 हजार 668 कोल्ड स्टोरेज, 3 हजार 940 ग्रेडिंग की यूनिट्स कई तरह की छोटी-बड़ी परियोजनाओं पर काम हुआ है। तो AIF जो काम कर रहा है, वो भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा।”
किसानों से संवाद करेंगे पीएम मोदी
शिवराज सिंह ने बताया कि पीएम मोदी पूसा के खुले क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के किसान, दलहन मिशन के किसान, धन धान्य योजना के अंतर्गत आने वाले किसान उनसे अलग-अलग संवाद भी करेंगे। हमारी कोशिश है कि भौतिक रूप से लगभग 1 करोड़ किसान पीएम के संवाद से जुड़कर प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा प्राप्त करें। ऑनलाइन भी कई जगह किसान देखेंगे लगभग सवा करोड़ किसान भाई-बहन ऑनलाइन जुड़ें यह प्रयास किया जाएगा। दो प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भरता की दृष्टि से, उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री जी उनका शुभारंभ करने वाले हैं।