PM मोदी को “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस-III”, बोले- यह 140 करोड़ लोगों का अवॉर्ड

साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। अब तक उन्हें करीब 23 देशों से ऐसा सम्मान मिल चुका है। इस दौरान उन्होंने कहा की भारत जल्द दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
लिमासोल (साइप्रस): साइप्रस की धरती से पीएम मोदी ने फिर दुनिया को भारत की बढ़ती ताकत का ऐहसास कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस के लिमासोल शहर में एक व्यावसायिक गोलमेज सम्मेलन में कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। बता दें कि यह सम्मेलन साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। इस दौरान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया।
भारत को बताया बदलावओं का दशक
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले एक दशक में भारत की आर्थिक प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि नीति-निर्माण में स्थिरता, व्यावसायिक वातावरण में सुधार, डिजिटल क्रांति और अगली पीढ़ी के सुधारों ने भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना दिया है। उन्होंने कहा, “भारत आज विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। भारत में जीएसटी जैसे कर सुधार, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, कानूनों का अपराधीकरण खत्म करना, और व्यापार में विश्वास बढ़ाने जैसे कई बड़े बदलाव हुए हैं।”
साइप्रस के साथ इन क्षेत्रों मे ंऔर मजबूत होगा सहयोग
इस अवसर पर उन्होंने साइप्रस के साथ द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती की संभावनाओं पर बल दिया और कहा कि भारत और साइप्रस के बीच व्यापार, निवेश, डिजिटल भुगतान, पर्यटन, रक्षा, लॉजिस्टिक्स और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में गहरा सहयोग हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति का असर पूरी दुनिया में देखा जा रहा है। “आज दुनिया के 50 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन भारत में होते हैं, जिसका श्रेय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को जाता है,” उन्होंने कहा। इस क्रम में NPCI इंटरनेशनल और यूरोबैंक साइप्रस के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच सीमा-पार भुगतान संभव हो सकेगा।