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Pharma Tariff: भारत की वो 5 कंपनियां, ट्रंप के टैरिफ से पड़ेगी जोरदार मार

Donald Trump Pharma Tariff: डोनाल्‍ड ट्रंप टैरिफ वॉर को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. अब उन्‍होंने फार्मा सेक्‍टर को टार्गेट किया है. ट्रंप ने फार्मा पर 100 फीसद तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. इससे भारतीय कंपनियों के प्रभावित होने के भी आसार हैं.

 

Donald Trump Pharma Tariff: अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने टैरिफ वॉर को नए मुकाम तक पहुंचा दिया है. उन्‍होंने अब फार्मा सेक्‍टर को भी इसके दायरे में ला दिया है. ट्रंप सरकार ने फार्मा सेक्‍टर पर 100 फीसद टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. भारत अरबों रुपये की दवाएं अमेरिका को निर्यात करता है. ट्रप के इस ऐलान से भारत की फार्मा कंपनियों पर असर पड़ना स्‍वभाविक है. इससे पहले ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. उन्‍होंने तब फार्मा सेक्‍टर को इससे बाहर रखा था. अब उनकी नजर फार्मा सेक्‍टर पर भी पड़ी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि 1 अक्टूबर 2025 से सभी ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, यदि उनकी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां अमेरिका में प्रोडक्‍शन प्‍लांट स्थापित नहीं करती हैं. इस कदम से भारत के 30 अरब डॉलर (लगभग ₹2.63 लाख करोड़) के दवा निर्यात बाजार पर बड़ा असर पड़ सकता है. भारत की फार्मा इंडस्ट्री दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी (वॉल्यूम के आधार पर) और 14वीं सबसे बड़ी (मूल्य के आधार पर) है. यह अमेरिका की जेनेरिक दवाओं की 40% और ब्रिटेन की 25% दवाओं की आपूर्ति करती है. अकेले टीकों के क्षेत्र में भारत दुनिया की 50% से ज्यादा मांग पूरी करता है.

इन 5 कंपनियों के लिए खतरे की घंटी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में भारत का दवा निर्यात 30 अरब डॉलर तक पहुंचा, जो मार्च में 31% की वार्षिक वृद्धि के चलते संभव हुआ. अगस्त 2025 में ही यह निर्यात 2.51 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.94% अधिक है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है. वित्‍त वर्ष 2024 में कुल 27.9 अरब डॉलर के निर्यात में से 31% (लगभग 8.7 अरब डॉलर) सिर्फ अमेरिका भेजे गए. साल 2025 की पहली छमाही में ही भारत ने 3.7 अरब डॉलर मूल्य की दवाएं विदेशों को सप्लाई कीं. डॉ. रेड्डीज, औरोबिंदो फार्मा, ज़ाइडस लाइफसाइंसेज़, सन फार्मा और ग्लैंड फार्मा जैसी कंपनियां अपनी 30-50% कमाई अमेरिकी बाजार से करती हैं.
फार्मा क्षेत्र को केंद्र सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना और स्ट्रेंथनिंग ऑफ फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्री (SPI) स्कीम जैसी योजनाओं से समर्थन दिया है. 15,000 करोड़ रुपये की PLI योजना के तहत कैंसर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाने के 55 प्रोजेक्ट्स पर निवेश हो रहा है, वहीं 500 करोड़ रुपये की SPI योजना छोटी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनाने और लैब्स को आधुनिक करने में मदद कर रही है.

ट्रंप का अल्टीमेटम

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘1 अक्टूबर 2025 से किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट पर 100% टैरिफ लगेगा, यदि कंपनी अमेरिका में संयंत्र का निर्माण शुरू नहीं कर चुकी है. इस बिल्डिंग का अर्थ होगा ज़मीन पर निर्माण कार्य का शुरू होना या प्‍लांट का निर्माणाधीन होना.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कंपनियां पहले से अमेरिका में प्लांट बना रही हैं, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा. इसके अलावा, ट्रंप ने घरेलू उत्पादों पर भी भारी शुल्क लगाए जाने की घोषणा की है. किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50% और असबाबदार फर्नीचर पर 30% टैरिफ.

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