Jashpur News: इलाज के नाम पर बैगा ने गर्म लोहे से दागा, 18 दिन की बच्ची की बिगड़ी तबियत
Jashpur News: दाग प्रथा के चलते नवजात शिशु (18 दिन) के पेट, हाथ और पैर को जगह-जगह गर्म सलाखों से जला दिया है। अंधविश्वास के कारण बच्ची की हालत बिगड़ गई और उसे पत्थलगांव के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
Jashpur News रायपुर: जशपुर जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में अंधविश्वास के चलते एक छोटे बच्चे के शरीर पर किसी तरह के अज्ञात दाग-धब्बे होने और बच्चे का ज्यादा रोने, डरने या चमकने नाम पर इलाज कर रहा है गांव का बैगा-गुनिया बीमारी ठीक करने के नाम पर 18 दिन की बच्ची के शरीर को गर्म लोहे से दागने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीमारियों को ठीक करने के नाम पर एक छोटी सी बच्ची को अंधविश्वास की बलि चढ़ा दिया गया। बच्ची के पेट पर जगह-जगह चोट के निशान हैं। बैगा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
बताया जा रहा है कि जशपुर जिले के तहत पत्थलगांव इलाके में करंगाबहला गांव में बच्ची हुई। नवजात बच्ची के शरीर पर किन्हीं तत्वों की कमी की वजह से दाग-धब्बे हैं। उसका पेट थोड़ा फुला हुआ है, वह जल्द रोने- घबराने लगती है। इन सबका इलाज बाल रोग विशेषज्ञ के पास रहता है। बच्ची को जिला अस्पतालजशपुर में दिखाने के बजाय घर वाले बैग-गुनिया के पास ले गए।
ऐसी कुप्रथा पर रोक लगे
जिसने कथित बीमारियों को दूर करने दाग ना प्रथा की बात कही। जिसके तहत उसने गर्म सलाखों से नवजात शिशु (18 दिन) के पेट, हाथ-पैर को जगह-जगह दागा है। अंधविश्वास के फेर में बच्ची की दशा खराब हो गई, तब उसे पत्थलगांव के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां इलाज चल रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए
पत्थलगांव के ब्लाक चिकित्सकों, अधिकारी का कहना है कि बैगा- गुनिया लोगों को प्रशासन ने अंधविश्वासों से दूर रहने एवं कथित तौर पर इलाज आदि न करने की पूर्व में ही स्पष्ट जानकारी दी जा चुकी है। अन्यथा की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। उधर इस मामले में कथित बैगा-गुनिया के विरुध्द रिपोर्ट नही लिखाने पर पुलिस चाहकर भी कार्रवाई नही कर पा रही है। उधर गांव में इस मामले को लेकर बैगा -गुनिया के प्रति आक्रोश है।