Corona Virus : कोविड-19 से पीड़ित अब हो रहे एन्जाइटी और पैनिक के शिकार…
Corona Virus : शासकीय अंबेडकर (मेकाहारा) अस्पताल में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जो आमतौर पर रोजाना 4-5 और सप्ताह में 30-32 होते हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है वे बार-बार संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।
Corona Virus : सन 2021-22 में कोविड-19 की लहर से जो लोग संक्रमित हुए थे उनमें से कुछ लोगों को आप पैनिक एन्जाइटी के शिकार पाए गए हैं। दोनों गंभीर बीमारियां मानी जाती है, जिसमें मरीज में घबराहट बेचैनी बढ़ जाती है। कुछ देर ऐसा लगता है कि उन्हें हार्ट अटैक का सकता है या वह मर जाएगा।
अंबेडकर(मेकाहरा) अस्पताल में भी ऐसे लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं
शासकीय अंबेडकर अस्पताल में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, जो आमतौर पर रोजाना चार-पांच तो हफ्ते में 30-32 दर्ज किए जा रहें हैं। जिन लोगों की रोग- प्रतिरोधक क्षमता कम है वे बार-बार इन्फेक्शन के शिकार हो रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल के मनोरोग विभाग की ओपीडी समेत निजी अस्पतालों के मनोरोग विभागों में ऐसे मामले नियमित तौर पर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार एन्जाइटी और पैनिक एन्जाइरी से लोग परेशान है, जिसमें घबराहट, बेचैनी, सांस लेने में दिक्कत, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, हाथ-पैरों में कंपन इसके लक्षण हैं। इसी से मिलते-जुलते पैनिक एन्जाइटी के लक्षण हैं। पर पैनिक एन्जाइटी गंभीर ज्यादा गंभीर बीमारी है। कई शोधों से स्पष्ट हुआ है कि कोविड -19 से प्रभावित हुए लोगों की रोग- प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो गई। यही वजह है कि लोग बार-बार बीमार पड़ रहे हैं।
डॉक्टर नेहा व्यास के अनुसार पैनिक अटैक के कुछ लक्षण
चिकित्सकों के अनुसार अचानक होने वाली घबराहट, डर को पैनिक अटैक कहा जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को लगता है कि वो किसी खतरे में हैऔर वह जल्द से जल्द बाहर निकलने की कोशिश करता है। दरअसल कोविड-19 वायरस से परेशान रहे हैं ऐसे में डर के कारण पैनिक या पैनिक अटैक सामना किया क्लीवलैंड के डॉक्टर नेहा व्यास के अनुसार पैनिक अटैक के कुछ लक्षण के तहत सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी को कोरोना लक्षण समझ लिया जाता है। जबकि दोनों में फर्क है। पैनिक अटैक अचानक आता है और 15-20 मिनट तक रहता है, जबकि कोरोना के लक्षण कुछ दिनों में सामने आते हैं। कोरोना का कोई एक निश्चित लक्षण भी नही होता। डॉक्टर व्यास आगे बताते हैं कि पैनिक अटैक के लक्षण हार्ट अटैक से मिलते-जुलते हैं। पैनिक अटैक हाई ब्लड प्रेशर,ज्यादा पसीना निकलना और दिल की बीमारियां के शिकार लोगों के लिए ज्यादा घातक हैं। अगर ऐसा कोई लक्षण दिखाई दे तो मरीज को तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।
डॉक्टर बुफ्का के अनुसार पैनिक अटैक
डॉक्टर बुफ्का के अनुसार पैनिक अटैक के वक्त बार-बार पूरी सांस लेनी चाहिए। डॉक्टर पाल नेस्टाट के अनुसार इस दौरान संगीत सुनना चाहिए। डॉक्टर व्यास के अनुसार ऐसे वक्त एक्सरसाइज से घबराहट कम होती है। बावजूद आए दिन या रोजाना हो रहा है, तो चिकित्सक से मिले। डॉक्टर नेस्टाट कहते हैं कि पैनिक अटैक से प्रभावित व्यक्ति से पूछ लेना चाहिए कि वे क्या चाहते हैं, वक्त या मदद उनके डर को समझे एवं उन्हें समझाए कि आप उनके साथ हैं। डॉक्टर जूली हलपर्ट का कहना है कि कोरोना एक संक्रमण है, पर संक्रमण से घबराना भी गंभीर समस्या है। कोरोना बाद से यह नई बीमारी लोगों की जिंदगी में जगह बना रही है अचानक धुंधला दिखने लगना, सीने में परेशानी से सांस नही ले पाना भी पैनिक अटैक का लक्षण है। बुफ्का कहते हैं कि पैनिक अटैक के वक्त दिल तेजी से धड़कने और खून पंप करने लगता है इस खतरे से व्यक्ति जल्द बाहर निकलने को लेकर सोचने लगते हैं।
अनिद्रा के शिकार लोग
चिकित्सकों के अनुसार उपरोक्त लक्षण दिखने पर भयभीत न होकर चिकित्सकों से मिलना चाहिए। ऐसे मरीजों को लगातार इलाज की जरूरत है परिजनों को उनका ध्यान रखना चाहिए। कोविड -19 बाद कुछ लोग अनिद्रा की बीमारी से ग्रसित हैं। रोजाना 7-8 घंटे की जगह वे लोग महज चार-पांच घंटे पढ़ पा रहे हैं। कोविड -19का नींद से सीधा संबंध नही है, पर मोबाइल इसकी सबसे बड़ी वजह है। यही वजह है कि ऐसे लोग अनिद्रा के शिकार हो रहे है इसी वजह (मोबाइल) से लोग अनिद्रा के शिकार बन रहें है। एक अन्य चिकित्सक के अनुसार एंजाइटी या पैनिक एन्जाइरी बीमारी बढ़े तो इलाज की जरूरत है।
पैनिक अटैक के मरीजों को योग करना चाहिए
परिजनों को मरीजों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। डरने के बजाय मरीज के इलाज की जरूरत है पर्याप्त इलाज से बीमारी ठीक हो सकती हैं। चिकित्सकों के अनुसार एन्जाइटी,पैनिक एन्जाइरी के दौरान लक्षण को नोट कर चिकित्सकों को बताए ताकि वे समय रहते इलाज कर सकते हैं। मोबाइल पर घंटे गुजारना बंद करना होगा जिसके चलते व्यक्ति अनिद्रा का शिकार होता है। बदलती जीवन शैली और तनाव में भी नींद 7-8 घण्टे लेना चाहिए संतुलित भोजन के साथ सुबह या शाम दोनों समय फिजिकल एक्सरसाइज करते हुए खुद को फिट रखें, तनाव हरगिज न लें।