Passport Ranking 2025: इंडियन पासपोर्ट की रैंकिंग घटी, 85वें स्थान पर लुढ़का

Passport Ranking 2025: साल 2025 के लिए ग्लोबल पासपोर्ट रैंकिंग जारी हो गई है। हेनले पासपोर्ट इनडेक्स 2025 (Henley Passport Index 2025) के मुताबिक, भारत की पासपोर्ट रैंकिंग पांच स्थान गिरकर 85वें स्थान पर आ गई है। जानें कौन सा देश किस नंबर पर।
Passport Ranking 2025: साल 2025 के लिए ग्लोबल पासपोर्ट रैंकिंग जारी हो गई है। हेनले पासपोर्ट इनडेक्स 2025 (Henley Passport Index 2025) के मुताबिक, भारत की पासपोर्ट रैंकिंग पांच स्थान गिरकर 85वें स्थान पर आ गई है। वहीं, सिंगापुर का पासपोर्ट लगातार सबसे मजबूत बना हुआ है। सिंगापुर के पासपोर्ट पर 193 देशों में बिना वीजा यात्रा की जा सकती है। पाकिस्तान का पासपोर्ट दुनिया के सबसे चार कमजोर पासपोर्ट की लिस्ट में शामिल है।
सिंगापुर पासपोर्ट रैंकिंग के मामले में टॉप पर
सिंगापुर का पासपोर्ट लगातार सबसे मजबूत बना हुआ है। सिंगापुर का पासपोर्ट रैंकिंग के मामले में टॉप पर है। सिंगापुर के पासपोर्ट पर 193 देशों में बिना वीजा यात्रा की जा सकती है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) एकमात्र अरब देश है, जिसने पिछले दशक में 32 स्थानों की छलांग लगाई है। यूएई अब पासपोर्ट रैंकिंग में 10वें स्थान पर पहुंच गया है।
हेनले पासपोर्ट इनडेक्स क्या है? (What is Henley Passport Index)
हेनले पासपोर्ट इनडेक्स 2025 (Henley Passport Index) दुनिया के 199 पासपोर्टों की रैंकिंग करता है, जो उनके धारकों को कितने देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश मिलता है, इस पर आधारित होता है। यह इंडेक्स Henley & Partners नामक सिटिजन और इमिग्रेशन एडवाइजरी फर्म तैयार करती है। इंडेक्स में इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक एसोसिएशन (IATA) के डेटा का इस्तेमाल किया जाता है। देशों की ट्रैवेल पॉलिसी, वीजा ऑन अराइवल, विजिटर परमिट और ई-वीजा जैसी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह रैकिंग तैयार की जाती है।
भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में उतार-चढ़ाव
भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 2006 में भारत का स्थान 71वां था, जो अब तक की सबसे अच्छी रैंकिंग थी। 2021 में, COVID-19 के कारण यात्रा प्रतिबंधों की वजह से भारत की रैंकिंग 90वें स्थान तक गिर गई थी। 2022 में यह 83वें स्थान पर आई, जबकि 2023 और 2024 में 80वें स्थान पर स्थिर रही। हालांकि, 2025 में यह फिर से 85वें स्थान पर गिर गई, जो भारत के अंतरराष्ट्रीय यात्रा संबंधी अवसरों को सीमित कर सकती है।
सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे ताकतवर
सिंगापुर का पासपोर्ट 2025 में दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बना हुआ है। सिंगापुर के पासपोर्ट होल्डर्स 193 देशों में वीजा फ्री ट्रैवेल कर सकते हैं। वहीं, जापान और दक्षिण कोरिया इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। इन दोनों देश के पासपोर्ट होल्डर्स 190 देशों में वीजा फ्री ट्रैवेल कर सकते हैं। वहीं, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन के पासपोर्ट हाेल्डर्स 189 देशों में ट्रैवेल कर सकते हैं। यह तीनों देश एक साथ तीसरा नंबर हासिल करने में कामयाब हुए हैं।
पाकिस्तानी पासपोर्ट चौथे सबसे कमजोर पायदान पर (Pakistan Passport Ranking)
पाकिस्तान (Pakistan) की पासपोर्ट रैंकिंग लगातार चौथे सबसे कमजोर स्थान पर बनी हुई है। हेनले पासपोर्ट इनडेक्स (Henley Passport Index 2025) के मुताबिक, पाकिस्तान 100वें स्थान पर है। पाकिस्तानी पासपोर्ट होल्डर्स केवल 33 देशों में वीजा फ्री ट्रैवेल कर सकते हैं। हालांकि, यह अफगानिस्तान, सीरिया और इराक से थोड़ा बेहतर है। यह तीनों देश दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट वाले देश माने जाते हैं। अफगानिस्तान का पासपोर्ट 99वें स्थान पर हैं। अफगानिस्तान के पासपोर्ट होल्डर्स सिर्फ 25 देशों में वीजा फ्री ट्रैवेल कर सकते हैं।
क्या है भारत के पासपोर्ट रैंकिंग घटने की वजह
भारत की पासपोर्ट रैंकिंग डाउन होने की कई वजहें बताई जा रही हैं। ग्लोबल वीजा पॉलिसी में बदलाव, दूसरे देशों की रैंकिंग में सुधार और भारतीय यात्रियों के लिए बढ़ती वीजा पाबंदियां, इनमें प्रमुख हैं। भारत के पासपोर्ट होल्डर्स को केवल 57 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है, जो दूसरे देशों की तुलना में कम है। यूरोप और अमेरिका ने वीजा नियम सख्त किए हैं, जिससे भारतीयों की विदेश यात्रा करने की आजादी घटी है।
पासपोर्ट रैंकिंग सुधारने के लिए क्या करना होगा?
इस साल भारतीय पासपोर्ट की रैंकिग सीधे पांच पायदान नीचे आ गई है। ऐसे में भारत को अपने पासपोर्ट को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। भारत को कूटनीतिक संबंध मजबूत कर वीजा फ्री एग्रीमेंट बढ़ाने की पहल करनी होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत को अपनी वीजा पॉलिसी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है। ऐसा करने पर भारतीय नागरिकों को अधिक देशों में वीजा फ्री ट्रैवेल का मौका मिल सके। इसके साथ ही पासपोर्ट की रैंकिंग में भी सुधार होगा।