Parliament Session कांग्रेस का तुष्टिकरण न होता तो देश न बंटता’, सदन में बोले शाह
Parliament Session : लोकसभा में आज विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को लेकर गर्मागरम बहस हो रही है। राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा की जा रही है। राज्यसभा में अमित शाह ने वंदे मातरम् पर कांग्रेस को घेरा है।
Parliament Session : मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को लेकर संसद में आज बहस हो रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय कार्यक्रम के अनुसार, लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बहस की जा रही है। विपक्ष की ओर से एसआईआर प्रक्रिया पर लगातार सरकार से जवाब मांगा गया है। वहीं, आज राज्यसभा में वंदे मातरम पर भी चर्चा की जा रही है। सरकार की ओर से अमित शाह ने वंदे मातरम् को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा है।
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कांग्रेस ने सदन में वंदे मातरम् का गान किया था बंद- अमित शाह
अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेस के नेतृत्व में इस सदन में वन्दे मातरम् के गान को बंद कर दिया गया था। 1992 में भाजपा सांसद राम नाईक ने वन्दे मातरम् को फिर से गाने की शुरुआत करने का विषय उठाया था। उस समय नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी जी ने लोकसभा के स्पीकर से कहा कि इसका गान सदन में होना चाहिए। फिर 1992 में लोकसभा ने वन्दे मातरम् के गान की शुरुआत हुई।’
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नेहरू ने वंदे मातरम् के किए दो टुकड़े- अमित शाह
सदन में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ‘वंदे मातरम् की स्वर्ण जयंती जब हुई, तब जवाहरलाल नेहरू जी ने इसके दो टुकड़े कर इसे दो अंतरों तक सीमित कर दिया। वहीं से तुष्टीकरण की शुरुआत हुई। अगर वंदे मातरम् के दो टुकड़े कर तुष्टीकरण की शुरुआत नहीं हुई होती तो देश का विभाजन भी नहीं होता।’
वंदे मातरम् सिर्फ बंगाल या देश तक सीमित नहीं- अमित शाह
वंदे मातरम् पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि ये चर्चाएं बंगाल में आने वाले चुनावों की वजह से हो रही हैं। वे इन चर्चाओं को बंगाल चुनावों से जोड़कर हमारे राष्ट्रीय गीत की महिमा को कम करना चाहते हैं। यह सच है कि वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम बाबू बंगाल के थे, आनंद मठ की शुरुआत बंगाल में हुई थी, लेकिन वंदे मातरम् सिर्फ बंगाल या देश तक सीमित नहीं था। जब देश की सीमा पर कोई सैनिक, या देश के अंदर देश की रक्षा करने वाला कोई पुलिसकर्मी देश के लिए अपनी जान कुर्बान करता है, तो वह सिर्फ वंदे मातरम् का ही नारा लगाता है।’
वंदे मातरम् पर चर्चा की है जरूरत- अमित शाह
राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कुछ सदस्यों ने लोकसभा में वंदे मातरम् पर इन चर्चाओं की जरूरत पर सवाल उठाए। वंदे मातरम् पर चर्चा की जरूरत, वंदे मातरम के प्रति समर्पण की जरूरत, उस समय भी जरूरी थी। अब भी जरूरी है। साल 2047 के लिए हमने जो उज्ज्वल भविष्य सोचा है, उसके लिए यह हमेशा महत्वपूर्ण रहेगी।’
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वंदे मातरम् राष्ट्र भक्ति का भाव- अमित शाह
राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि देश के प्रति भाव वाली रचना वंदे मातरम् है। वंदे मातरम् राष्ट्र भक्ति का भाव है। ये देश जमीन का टुकड़ा नहीं, हमारी माता है। वंदे मातरम् सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का सिद्धांत है।
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\राजीव गांधी ने किया था सबसे बड़ा चुनाव सुधार- मनीष तिवारी
लोकसभा में चुनाव सुधार को लेकर बहस शुरू हो गई है। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसकी शुरुआत की। सदन में बोलते हुए कांग्रेस नेता तिवारी ने सरकार से मांग रखी की ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वोटिंग की उम्र 21 से घटाकर 18 साल करके सबसे बड़ा चुनावी सुधार किया था।’
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\यात्रियों को हुई परेशानी के लिए इंडिगो है जवाबदेह- सरकार
इंडिगो संकट पर लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने आज सरकार का पक्ष रखा और इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया। मंत्री ने कहा, ‘ऑपरेशन तेजी से सामान्य हो रहे हैं। यात्रियों को हुई परेशानी के लिए इंडिगो को जवाबदेह ठहराया जा रहा है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा और गरिमा की रक्षा की जा रही है। भारत के एविएशन सेक्टर को और ज्यादा यात्री-केंद्रित बनाने के लिए लॉन्ग-टर्म उपाय किए जा रहे हैं।

