Parenting Tips : अगर आप चाहते हैं कि बच्चों में आत्मविश्वास आए तो टीनएजर्स को खुद लेने दें लाइफ का ये डिसीजन
![Parenting Tips :](https://eglobalnews.in/wp-content/uploads/2024/07/ed0a8d98-7f2c-40a4-992d-8a2f461e679e-1024x576.jpeg)
Parenting Tips : बच्चों के लिए आत्मविश्वास बहुत ज़रूरी है। अगर वे अपने फ़ैसले खुद लेने लगें, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन में कम उलझन में पड़ते हैं।
Parenting Tips रायपुर। बच्चों के लिए आत्मविश्वास बहुत ज़रूरी है। अगर वे अपने फ़ैसले खुद लेने लगें, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन में कम उलझन में पड़ते हैं। माता-पिता को अपने किशोर बच्चों को कुछ फ़ैसले खुद लेने देने चाहिए। इससे बच्चे ज़िम्मेदारी समझते हैं और आत्मनिर्भर बनते हैं। जब बच्चे अपने सपनों और इच्छाओं की उड़ान भरते हैं, तो वे ज़िंदगी की दौड़ में आगे बढ़ पाते हैं।
क्यों जरूरी है खुद फैसले लेना
अगर टीनएजर्स को अपने जीवन के फैसले खुद लेने की अनुमति दी जाए, तो वे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। इससे वे समझदारी और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हैं। जब बच्चे हर छोटे-बड़े फैसले खुद लेते हैं, तो वे अपने सही और गलत का अनुभव करते हैं और अपनी गलतियों से सीखते हैं।
खुद के फैसले लेने के तरीके
छोटे-छोटे फ़ैसलों से शुरुआत करें। बच्चों को पहले छोटे-छोटे फ़ैसले लेने दें, जैसे कि क्या पहनना है, क्या खाना है या दोस्तों के साथ कैसे समय बिताना है।
उन्हें गलतियों से सीखने दें। बच्चों को गलतियाँ करने का मौक़ा दें और उन्हें समझाएँ कि गलतियाँ सीखने का हिस्सा हैं।अपने बच्चों को उनके हर फ़ैसले में सहयोग दें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। जब बच्चे सही निर्णय लें, तो उनकी प्रशंसा करें। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।बच्चों से खुलकर बात करें। उनकी समस्याओं को सुनें और उनका मार्गदर्शन करें, लेकिन अंतिम निर्णय उन्हें खुद लेने दें।
अपने बच्चे को उसका काम खुद करने दें – अगर आप अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं तो उसे कपड़े तह करना, अपना कमरा साफ करना, अपनी चीजों का ख्याल रखना जैसे काम खुद करने दें। जब बच्चों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा तो वे जीवन में आने वाली हर बड़ी चुनौती का सामना करने से नहीं डरेंगे।बल्कि उसका डटकर सामना करेंगी।
सामाजिक व्यवहार सिखाएं – बच्चों को परिवार और समाज में कैसे व्यवहार करना है, इसकी भी जानकारी दें। माता-पिता को शुरू से ही बच्चे को दोस्तों और परिवार के साथ स्वस्थ रिश्ते बनाए रखना सिखाना चाहिए।
शब्दों का चयन सावधानी से करें– माता-पिता जिस तरह से अपने बच्चों से बात करते हैं, उसका उनके आत्मसम्मान पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में बच्चे का आत्मविश्वास मजबूत बनाए रखने के लिए माता-पिता को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि आप अपने बच्चों से किस तरह से बात करें।
घर पर अकेले रहना- जब आप बच्चों को कुछ घंटों के लिए घर पर अकेला छोड़ते हैं, तो वे घर की देखभाल करना सीखते हैं और ज़िम्मेदार बनते हैं। इसलिए, उन्हें कभी-कभी घर पर अकेला छोड़ना शुरू करें। साथ ही उन्हें सुरक्षा नियम भी बताएं।
अकेले ट्रैवल करना- यह वह उम्र है जब वे नई चीजें सीखना चाहते हैं और जिम्मेदार बनना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें घर से स्कूल या स्कूल से घर तक ट्रांसपोर्ट लेना सिखाएं। इस तरह वे खुद की जिम्मेदारी लेना सीखेंगे।
आत्मविश्वासी होने के लाभ
बेहतर निर्णय लेना-बच्चे सोच-समझकर निर्णय लेना सीखते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं। खुद निर्णय लेने से वे सही और गलत का अनुभव कर पाते हैं।
कम उलझन – बच्चे अपनी पसंद-नापसंद को समझने लगते हैं, जिससे वे कम भ्रमित रहते हैं और बेहतर निर्णय ले पाते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
जब बच्चे खुद समस्याओं का सामना करते हैं, तो वे समस्या-समाधान में माहिर हो जाते हैं। इससे उनकी सोचने और सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। बच्चे खुद पर भरोसा करना सीखते हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बनते हैं। वे अपना काम खुद कर पाते हैं और दूसरों पर कम निर्भर होते हैं