Parenting Tips: बच्चों को पीटने से क्या होता है? पैरेंट्स का ऐसा बर्ताव खराब कर सकता है बच्चे का फ्यूचर, अपनाएं Time Out तकनीक

Parenting Tips: अगर आप अपने बच्चे को अक्सर पीटते हैं तो धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास कम होता जाएगा। आत्मविश्वास की कमी के कारण आपके बच्चे को भविष्य में सफलता पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
Parenting Tips रायपुर। भारत में माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को कुछ समझाने के लिए मारपीट का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी पिटाई से आपके बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ सकता है? अगर आप भी अपने बच्चों पर हाथ उठाते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत सुधार लें वरना आपका बच्चा भविष्य में सफलता हासिल नहीं कर पाएगा। आइए जानते हैं बच्चों पर हाथ उठाने के कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में।
खत्म होने लगता है कॉन्फिडेंस- अगर आप अपने बच्चे को अक्सर पीटते हैं तो धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास कम होता जाएगा। आत्मविश्वास की कमी के कारण आपके बच्चे को भविष्य में सफलता पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
नहीं कर पाएगा फोकस– बार-बार पिटाई की वजह से आपका बच्चा किसी दूसरी गतिविधि पर ध्यान नहीं दे पाएगा। बच्चे का दिमाग बार-बार पिटाई की बात पर ही अटक सकता है। इसकी वजह से आपका बच्चा चाइल्डहुड ट्रॉमा का शिकार भी हो सकता है।
चिड़चिड़ेपन का शिकार- आपके हाथ उठाने की वजह से बच्चा चिड़चिड़ा भी हो सकता है। इस तरह का व्यवहार आपके और आपके बच्चे के बीच दूरियाँ पैदा करेगा। हो सकता है कि वह अपना गुस्सा किसी दूसरे बच्चे पर निकालने की कोशिश करे, जो असल में ज़्यादा ख़तरनाक साबित होगा।
क्या है Time Out तकनीक या सिद्धांत ?
दरअसल, टाइम आउट सिद्धांत पेरेंटिंग का एक तरीका है जिसमें जब बच्चा गलती करता है तो उसे तुरंत डांट-डपट कर या पीटकर दंडित नहीं किया जाता। बल्कि उसे एक कमरे में अकेला छोड़ दिया जाता है।जहाँ उसके पास मनोरंजन का कोई विकल्प नहीं होता और परिवार का कोई सदस्य उससे बात भी नहीं करता। ऐसी स्थिति में बच्चे को सोचने का समय मिल जाता है। उसे सही और गलत का फर्क समझ में आता है। शांत मन से व्यक्ति खुद का बेहतर मूल्यांकन कर सकता है। टाइम आउट एक सुधारात्मक तकनीक है जिसका इस्तेमाल 2 से 6 साल के बच्चों में उनके व्यवहार को सुधारने या उन्हें उनकी गलतियों को समझाने के लिए किया जाता है।
Time Out तकनीक के फायदे
टाइम आउट तकनीक के माध्यम से बच्चे मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं, जो उनकी बढ़ती उम्र में काफी मददगार साबित होता है। इस उपाय की मदद से बच्चे अपने माता-पिता की बात सुनना शुरू कर देते हैं। टाइम आउट सिद्धांत बच्चों को आत्मनिरीक्षण करने का मौका देता है। इससे बच्चों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव आते हैं। वे अपने माता-पिता की बात ध्यान से सुनते हैं और उनकी बात मानते हैं। गलती करने पर डांटने और मारने की बजाय बच्चे जल्दी ही अपनी गलती समझ जाते हैं, जिससे वे दोबारा गलती नहीं करते।
अगर आप अपने बच्चे से नाराज़ हैं और अपना गुस्सा जाहिर करना चाहते हैं तो आपको सही तरीका अपनाना चाहिए। बच्चे पर हाथ उठाने की बजाय कुछ घंटों के लिए उससे बात करना बंद कर दें, बच्चा खुद-ब-खुद आपके पास आ जाएगा। जब बच्चा आपसे बात करने आए तो आपको उसे प्यार से अपनी बात समझाने की कोशिश करनी चाहिए।