पाक आम चुनाव नतीजे, एशियाई मुल्कों के लिए सिरदर्दी बने रहेंगे ..!

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चुनाव से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का चुनाव चिन्ह हटा दिया गया। इसके प्रमुख नेता पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में सजा काट रहे हैं। उनकी पार्टी के उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा।
Pak News: पाकिस्तान में हाल ही में हुए आम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। ऐसे में राजनीतिक अस्थिरता के साये में गठबंधन सरकार बनेगी। जो भारत समेत एशिया महाद्वीप के लिए सिरदर्द साबित होगा। नतीजों से पता चलता है कि भारत के साथ रिश्ते सुधरने की संभावना कम होगी।
इमरान खान की पार्टी के नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ा
पाकिस्तान तहरीक ए- इंसाफ (पीटीआई) का चुनाव चिन्ह चुनाव से पहले खत्म कर दिया गया था। उसके नेता प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में सजा काट रहे हैं। उनकी पार्टी के उम्मीदवारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। लिहाजा उन्हें पीटीआई समर्थक निर्दलीय सांसद का दर्जा है। जिनकी संख्या है 93 है। परंतु निर्दलीय होने के चलते वे सरकार बनाने का संयुक्त दावा नही कर पा रहें हैं। उनके नेता इमरान ने कहा है कि पीटीआई समर्थित जीते सभी 93 निर्दलीय सांसद किसी दूसरे दल के साथ गठबंधन नही करेंगे न ही समर्थन देंगे। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव बाद मतगणना प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़िया की गई। अन्यथा निर्दलीय जीतने वाले पीटीआई समर्थक बहुमत पार कर जाते। चूंकि जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाया (युवा) है लिहाजा भष्ट्र दलों को समर्थन नही देगे न ही सत्ता वास्ते (सरकार बनाने) गठबंधन करेंगे। बल्कि विपक्ष में बैठेंगे।
गठबंधन दल से प्रधानमंत्री का चुनाव
उधर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल- एन ने 75 सीटें जीती है। जो सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीती है। वह तीसरी बड़ी पार्टी है। पीएमएल- एन एवं पीपीपी के गठबंधन के सहयोग से सरकार बनने की संभावना है। बताया जा रहा है कि पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो को उनके पिता पूर्व राष्ट्रपति आसिफ़ ज़रदारी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने (जरदारी) नवाज के सामने शर्त रख दी है की भुट्टों को प्रधानमंत्री बनाने की स्थिति में ही गठबंधन हो सकता है। इस प्रस्ताव से नवाज सकते में है। उन्होंने नया प्रस्ताव रखा है कि ढाई-ढाई बरस के लिए दोनों दलों के पीएम होंगे। अगर जरदारी इसे मान लेते है तो फिर पहले चरण में कौन प्रधानमंत्री होगा इस पर संदेह है। नवाज पर भुट्टों परिवार या उनका दल ज्यादा भरोसा नहीं करता है। उधर नवाज शरीफ ने खंडित जनादेश के बाद पैदा हुए गतिरोध को समाप्त करने के लिए तमाम प्रतिदंद्वी दलों के समक्ष भागीदारी वाली सरकार का विचार पेश किया है। 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत हेतु 134सांसद चाहिए। बहुत संभावना है कि नवाज शरीफ पीपीपी से गठबंधन होने की स्थिति में खुद पहले प्रधानमंत्री बनना चाहेगे। बाद में भुट्टों को मौका देंगे। देखना दिलचस्प होगा कि क्या भुट्टो परिवार इसे स्वीकारेगा।
पाकिस्तान में अस्थिरता का माहौल
उधर पीटीआई के समर्थकों ने पूरे पाकिस्तान में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस्लामाबाद-पेशावर हाइवे समेत देश के कई बड़े हाइवे पर जाम लगा दिया है। वे निष्पक्ष व स्वतंत्र मतगणना की मांग उठा रहें हैं। चुनाव नतीजे में हुई देरी, धांधली, राजनीतिक अस्थिरता के चलने से वहां निवेशको में हड़कंप मचा है। कराची स्टॉक एक्सचेंज (केएसआई) की शीर्ष 100 कंपनियों तो इंडेक्स के एसआई 100 के नतीजे में अब तक 3000 से अधिक पॉइंट की गिरावट में आ चुकी है खबर है कि वहां बड़ी संख्या में निवेशक भागने (पाक से) की फिराक में है। पहले से ही आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान के पास महज डेढ़ माह के के लिए आयात के बराबर डॉलर बचे हैं। ऐसे में तीनों पार्टियों के आलाकमान भी नहीं बता सकते कि अगले पांच साल में वे पाकिस्तान में कैसे रहेंगे। ऐसे में भारत समेत ज्यादातर एशियाई देशों के साथ उसके रिश्ते अस्थिर रहेंगे। सिरदर्द बना रहेगा।