Operation Sindoor: कौन हैं कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह

Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों को करारा जवाब दिया है, वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कट्टरपंथियों को भी कड़ा संदेश दिया है। पढ़िये रिपोर्ट…
Operation Sindoor: भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छिपे आतंकियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस आपरेशन के तहत आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें 90 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की संभावना है। भारतीय सेना ने इस कार्रवाई को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। खास बात है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी कट्टरपंथियों को करारा जवाब दिया गया। नीचे जानिये कैसे?
प्रेस कॉन्फ्रेंस से दिया कट्टरपंथियों को जवाब
पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मारी थी। आतंकियों का निशाना सिर्फ हिंदू पुरुष थे। ऐसे में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऑपरेशन के नाम के चयन की बात हुई तो पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम सुझाया, जिसे सेना ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत देर रात पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए। इस हमले की जानकारी जब पीड़ित परिजनों तक पहुंची तो उनके जख्मों को राहत मिली। एक पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें ऐसा लगा, जैसे हमने खुद ही आतंकियों को मार गिराया है।
खास बात है कि भारतीय सेना ने जब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का निर्णय लिया तो दो महिला अधिकारियों का चयन किया गया। भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी दी गई। यह उन कट्टरपंथियों को करारा जवाब था, जो हिंदू-मुस्लिम में खाई बढ़ाना चाहते हैं। आगे जानिये कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में…
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
मूल रूप से गुजरात की रहने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम उस समय चर्चा में आया था, जब उन्होंने 18 देशों की मल्टीनेशनल आर्मी ड्रिल में भारत की ओर से कमान संभाली थी। इस ड्रिल में 40 भारतीय सैनिक शामिल थे। कुरैशी सेना के कम्युनिकेशन और सूचना प्रणाली की जिम्मेदारी संभालती हैं। कुरैशी के भीतर देश सेवा का जज्बा बचपन से था। उनके दादा सेना में थे, जबकि पिता ने सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में सेवाएं दी। उनकी शादी मैकेनाइज्ड इन्फ्रेंट्री के अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ। दोनों का एक बेटा है, जिसका नाम समीर कुरैशी है।
व्योमिका सिंह का सफर कैसा रहा
‘ टीचर ने पूछा कि व्योमिका का मतलब क्या होता है। इस पर मैने कहा कि व्योम का मतलब यानी आसमान है। लेकिन पीछे से किसी ने कहा कि आसमान की मालिक, तू तो व्योमिका है। इस पर टीचर ने कहा था कि एक दिन वो आसमान पर राज करेगी। बस तभी से उसने पायलट बनने की ठान ली।’ यह बात विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक इंटरव्यू में कही थी।
आज उनकी गिनती हेलीकॉप्टर के दिग्गज पायलटों में होती है। उनके पास 2500 से ज्यादा घंटे की उड़ान का अनुभव है। नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश त्रासदी में लोगों को सुरक्षित निकालने की बात हो या फिर 2021 में 21650 फीट ऊंचाी माउंट मणिरंग चोटी को फतेह करने की बात, व्योमिका सिंह ने सफलता का परचम फहराया। उन्हें चीफ ऑफ एयर स्टाफ और एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ समेत कई सम्मान मिल चुके हैं।