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ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं… पीएम मोदी

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आयोजित तिरुवतिराई महोत्सव के दौरान कहा कि चोल साम्राज्य का इतिहास और उसकी विरासत, भारत के वास्तविक सामर्थ्य का प्रतीक है. यह उस भारत के सपने की प्रेरणा है, जिसे लेकर आज हम विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरुवथिराई महोत्सव में भाग लेते हुए कहा कि मैं तो काशी का सांसद हूं और जब मैं ‘ॐ नमः शिवाय’ सुनता हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. शिव दर्शन की अद्भुत ऊर्जा, श्री इलैयाराजा का संगीत और मंत्रोच्चार, यह आध्यात्मिक अनुभव मन को भावविभोर कर देता है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है. दुनिया ने देखा कि अगर उसकी संप्रभुता पर हमला होता है तो भारत कैसे जवाब देता है; इसने पूरे देश में नया आत्मविश्वास पैदा किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने देखा कि अगर कोई भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला करता है, तो भारत उसे उसी की भाषा में जवाब देना जानता है. इस ऑपरेशन ने साफ कर दिया है कि अब भारत के दुश्मनों और आतंकवादियों के लिए दुनिया में कोई जगह सुरक्षित नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगईकोंडा चोलपुरम आदि तिरुवधिरई उत्सव में राजा राजा चोल की छवि वाला एक सिक्का जारी किया. नया सिक्का जारी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैंने एक बात नोटिस की है. जब भी नैनार नागेंद्रन का नाम आता है, तो आप लोगों में उत्साह पैदा होता है. राजा राजा चोलन के यहां संगीत गुरु इलियाराजा का गीत शिव भक्ति का था.”

उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक मंदिर में, मैंने देश भर के 140 करोड़ लोगों की खुशहाली और देश की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की. भगवान शिव सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें… हर हर महादेव!

उन्होंने कहा कि चोल राजाओं ने अपने राजनयिक और व्यापारिक संबंधों का विस्तार श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण-पूर्व एशिया तक किया था. ये भी एक संयोग है कि मैं कल ही मालदीव से लौटा हूं और आज तमिलनाडु में इस कार्यक्रम का हिस्सा बना हूं.

चोल साम्राज्य इतिहास और विरासत का प्रतीक

पीएम मोदी ने कहा कि चोल साम्राज्य का इतिहास और उसकी विरासत, भारत के वास्तविक सामर्थ्य का प्रतीक है. यह उस भारत के सपने की प्रेरणा है, जिसे लेकर आज हम विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि चोल राजाओं ने भारत को सांस्कृतिक एकता में पिरोया था. आज हमारी सरकार, चोला युग के उन्हीं विचारों को आगे बढ़ा रही है. काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे आयोजनों के माध्यम से हम एकता के सदियों पुराने सूत्रों को और अधिक मजबूत कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब देश की नई संसद का लोकार्पण हुआ, तो हमारे शिव आदीनम के संतों ने उस ऐतिहासिक आयोजन का आध्यात्मिक नेतृत्व किया था. तमिल संस्कृति से जुड़े ‘सेंगोल’ को संसद में स्थापित किया गया. मैं आज भी उस पल को याद करता हूं तो गौरव से भर जाता हूं.

चोल शासन लोकतंत्र का अग्रदूत है

पीएम मोदी ने कहा किचोल युग में भारत ने जिस आर्थिक और सामरिक उन्नति का शिखर छूआ है, वो आज भी हमारी प्रेरणा है. राजराजा चोल ने एक पावरफुल नेवी बनाई. राजेंद्र चोल ने इसे और सुदृढ़ किया.

उन्होंने कहा किचोल काल की कला मुझे गौरवान्वित करती है. चोलों पर प्रदर्शनी देखकर मैं चकित रह गया. संस्कृति मंत्रालय द्वारा गंगईकोंडा चोलपुरम में लगाई गई प्रदर्शनी सभी को देखनी चाहिए. चोलों की परंपरा अविनाशी है, चोलों की परंपरा चिरस्थायी है. राजराजा चोल और राजेंद्र चोल नाम देश का इतिहास हैं. चोल काल भारत के स्वर्णिम युगों में से एक था. उस समय कुदावोलाई प्रणाली के माध्यम से लोकतांत्रिक चुनाव होते थे. चोल शासन ब्रिटेन के लिए लोकतंत्र का अग्रदूत था. इसके माध्यम से हम एक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़े.

उन्होंने कहा, “चोल लोकतंत्र के अग्रदूत थे और उनका शासन लोकतंत्र की जननी था. चोल जल प्रबंधन में भी अग्रणी थे. गंगकोंडा चोलपुरम दुनिया के स्थापत्य कला के अद्भुत स्मारकों में से एक है. अपने निर्वाचन क्षेत्र काशी से गंगा जल लाना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. हमारी सरकार चोल राजाओं के विचारों और सोच को आगे बढ़ा रही है.”

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