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Opration Sindoor: दीवार बने भारत 4 एयर डिफेंस सिस्टम, पाकिस्तान के हर हमले को किया नाकाम

Opration Sindoor: पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात के 15 शहरों में ताबड़तोड़ ड्रोन अटैक किए, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी विफल कर दिया।

Opration Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने न सिर्फ मोस्ट वांटेड आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया है, बल्कि पाकिस्तानी सेना को भी मुंहतोड़ जवाब दिया है। 7 और 8 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से ताबड़तोड़ अटैक किए, लेकिन भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने उनके हर हमले को आसमान में ही निष्क्रिय कर दिया।

ऑपरेशन सिंदूर की इस सफलता ने न सिर्फ भारतीय सेना के शौर्य को प्रदर्शित किया है, बल्कि उसके सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम की शक्ति को प्रदर्शित किया है। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात के 15 शहरों और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर ड्रोन अटैक किए, लेकिन हमारी वायु रक्षा प्रणालियों ने सभी विफल कर दिए। आइए जानते हैं भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल प्रमुख मिसाइलों की ताकत और खासियत।

Indian Air Defense System में शामिल प्रमुख मिसाइल
आकाश: भारत निर्मित आकाश मिसाइल सतह से हवा में लंबी दूरी के टारगेट को निशाना बनाती है। ड्रोन, फाइटर जेट और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम। आकाश के हर लांचर में तीन मिसाइलें होती हैं। हर मिसाइल 20 फीट लंबी और 710 किलो बजनी होती है। ‘फायर एंड फॉरगेट’ मोड में काम करने वाली यह मिसाइल पूरी तरह से ऑटोमैटिक है। यह रियल-टाइम, मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग और खतरे का मूल्यांकन करने में भी सक्षम है।

MRSAM: मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) को डीआरडीओ और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने विकसित किया है। 0 किमी ऊंचाई और 70-100 किमी दूरी तक मारक क्षमता वाला यह एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन के ड्रोन, एयरक्राफ्ट, गाइडेड हथियार और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हैं। डेडिकेटेड रडार के सपोर्ट से यह मिसाइल सिस्टम अकेले फायरिंग यूनिट की तरह ऑपरेट करने में सक्षम है। जो एक साथ 16 टारगेट में 24 मिसाइलें दाग सकता है। इस सुपरसोनिक मिसाइल में ऐसा सीकर लगा है, जो दुश्मन के हवाई खतरे ढूंढकर नष्ट करता है।

ZSU-23-4 शिल्का: सोवियत निर्मित स्वचालित 23 मिमी तोप, निम्न ऊंचाई रक्षा में महत्वपूर्ण। सोवियत संघ के जमाने की स्वचालित 23 मिमी तोप ZSU-23-4 Schilka निम्न ऊंचाई रक्षा में महत्वपूर्ण। भारत ने इसे अपग्रेड कर काफी विनाशक बना दिया है। इसमें 23 मिमी की चार बंदूक होते हैं, जो 20 किमी तक के लक्ष्यों को ट्रैक कर एक मिनट में 3400 राउंड गोलियां फायर करने में सक्षम हैं। 2.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक के हेलीकॉप्टर और ड्रोन को मार गिराने वाला एक ट्रैक्ड वाहन हथियार है, जो खुद चलता है। इसमें रडार से लैस टॉवर होता है। जो लो-फ्लाइंग एयरक्राफ्ट, ड्रोन या हेलिकॉप्टर की आहट मिलते ही धुआंधार गोलाबारी शुरू कर देता है।

एल-70 गन को स्वीडन की बोफोर्स कंपनी ने डेवलप किया है। विशेष अनुबंध के तहत भारत में भी इसका उत्पादन किया जाता है। 40 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट गन, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और ऑटो-ट्रैकिंग सिस्टम से लैस यह मिसाइल 4 किमी तक प्रति मिनट 240-330 राउंड फायर करने में सक्षम है। 2017 के में अपग्रेडेशन कर इसमें डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम, ऑटोमैटिक टारगेट ट्रैकिंग रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इमेजिंग (थर्मल + डे कैमरा), नाइट फायरिंग और मैनलेस ऑपरेशन जैसी क्षमताएं डेवलप की गई हैं। पाकिस्तान के स्वार्म ड्रोन हमलों को रोकने में यह पूरी तरह से सक्षम है।

S-400: सुदर्शन चक्र (S-400) एयर डिफेंस सिस्टम 600 किलोमीटर दूर से आने वाले किसी भी हवाई हमले को डिटेक्ट कर बेअसर कर सकता है। स्ट्रेटेजिक बॉम्बर, इलेक्ट्रिक वॉरफेयर प्लेन, टोही विमान, अर्ली वॉर्निंग रडार एयरक्राफ्ट, फाइटर एयरक्राफ्ट, आर्मड ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को 400 किमी दूर से मार गिराने में सक्षम है। इसमें 8 लॉन्च व्हीकल और हर लॉन्चर में 4 मिसाइल ट्यूब होते हैं। यानी एक साथ 32 मिसाइलें दागी जा सकती हैं। इसमें कमांड एंड कंट्रोल और लॉन्ग रेंज रडार भी होता है। रूस में निर्मित इस मिसाइल का पाकिस्तान के खिलाफ पहली बार इस्तेमाल किया गया है।

 

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