Lok Sabha Speaker: ओम बिरला ने रच दिया इतिहास, बना दिया नया रिकॉर्ड
Lok Sabha Speaker: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की कार्यवाही शुरू होती ही बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पेश किया था।
Lok Sabha Speaker OM Birla: ओम बिरला (Om Birla) को लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया है। पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था। इसका NDA के सांसदों ने ध्वनिमत से समर्थन किया। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए के सुरेश (K. Suresh) के नाम का प्रस्ताव रखा था। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ध्वनि मत से उन्हें विजयी घोषित किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी नए स्पीकर को आसन तक छोड़ने आए। ओम बिरला ने लोकसभा स्पीकर का चुनाव जीतने के बाद इतिहास रच दिया है, क्योंकि देश के इतिहास में अब तक कोई भी सांसद लगातार दो कार्यकाल में स्पीकर नहीं रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की कार्यवाही शुरू होती ही बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका भाजपा नेता तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया। उसके बाद गठबंधन के विभिन्न दलों के नेताओं ने बिरला को अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। विपक्षी इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस नेता के सुरेश के नाम का प्रस्ताव अध्यक्ष पद के लिए आया, जिसका तारिक अनवर ने समर्थन किया।
पिछले लोकसभा में भी सदन के अध्यक्ष थे बिरला
प्रोटेम स्पीकर भतृहरि महताब ने दोनों प्रस्ताव सदन के सामने रखे और ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की घोषणा की। बाद में पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू बिरला को अध्यक्ष के आसन तक ले गए और उन्होंने 18वीं लोकसभा की अध्यक्षता शुरू कर दी। बिरला पिछले लोकसभा में भी सदन के अध्यक्ष थे।
आपको बता दें कि ओम बिरला का जन्म राजस्थान के कोटा में 23 नवंबर 1962 को हुआ। वे साल 2003, 2008 और 2013 में तीन बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद साल 2014, 2019 और 2024 में कोटा-बूंदी लोक सभा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे संसदीय सचिव भी रहे चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित कई अहम जिम्मेदारियों को निभाया है। ओम बिरला तीन बार राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए। हर बार उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया, जो कि जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।