Odisha New CM: ओडिशा को मिला पहला भाजपाई CM, मोहन माझी ने ली शपथ
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Odisha New CM: ओडिशा में पहली बार किसी भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है तो वहीं आंध्र प्रदेश में एनडीए के सहयोगी दल टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू सीएम बन गए हैं।
Odisha New CM: नई दिल्ली। भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने 9 जून को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसके तीसरे दिन यानी आज (बुधवार को) ओडिशा में पहली बार किसी भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, वहीं आंध्र प्रदेश में एनडीए के सहयोगी दल टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू सीएम बन गए हैं।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के साथ ही भाजपा नेतृत्व एनडीए की सरकार वाले राज्यों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। आइए आपको बताते हैं कि कब पहली बार देश में भाजपाई प्रधानमंत्री ने शपथ ली तो कब पहली बार भाजपाई नेता मुख्यमंत्री बना। दो सांसदों से 303 और फिर 240 तक का सफर…
जनसंघ और जनता पार्टी से भाजपा तक
जनसंघ का 1977 में जनता पार्टी में विलय हुआ था, लेकिन यहां भी वर्चस्व की लड़ाई जारी थी। साल 1980 की बात है। जब जनसंघ से आए नेताओं के खिलाफ दोहरी सदस्यता का मुद्दा उठाया गया। उनके सामने शर्त रखी गई- ‘ जनता पार्टी छोड़ो या फिर संघ से रिश्ते तोड़ो’। इसका विरोध करते हुए जनसंघ से आए सदस्यों ने जनता पार्टी छोड़ दी। लाल कृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 6 अप्रैल, 1980 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन किया।
भाजपा के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी चुने गए। उन्होंने पार्टी को पहचान दिलाने और देश में कांग्रेस के एकाधिकार को खत्म करने के लिए खूब पसीना बहाया। साल 1984 के लोकसभा चुनाव हुए। भाजपा का यह पहला चुनाव था। चुनाव से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बॉडीगार्डस ने उनकी हत्या कर दी थी। सहानुभूति की लहर में कांग्रेस की बंपर जीत हुई। भाजपा के खाते में दो सीटें आईं।
1984 में जीतने वाले दो भाजपाई सांसद कौन थे?
1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिन दो सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से एक गुजरात की मेहसाणा तो दूसरी आंध्र प्रदेश की हनामकोंडा लोकसभा सीट थी। गुजरात से ए के पटेल जीतकर संसद पहुंचे थे तो आंध्र प्रदेश से चंदूपतला जंगा रेड्डी भाजपा के पहले सांसद चुने गए थे।
देश में कब पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी?
साल 1989 में लोकसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने 85 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा के समर्थन से नेशनल फ्रंट ने सत्ता संभाली और वीपी सिंह देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। भाजपा नेताओं ने 1989 में बोफोर्स घोटाले को मुद्दा बनाया तो 1990 में आडवाणी ने राम जन्मभूमि के के समर्थन में सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा निकाली।
उस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव के आदेश में आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया और यह यात्रा कारसेवकों ने पूरी की। इसका परिणाम यह रहा कि 1991 में लोकसभा के चुनाव हुए तो भाजपा ने 120 सीटों पर जीत दर्ज की।
देश को कब मिला पहला भाजपाई पीएम?
1996 के चुनाव में भाजपा 161 लोकसभा सीटें जीतकर संसद की सबसे बड़ी पार्टी बन गई। अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली, लेकिन लोकसभा में बहुमत साबित नहीं कर सके। ऐसे में 13 दिन बाद ही सरकार गिर गई और वाजपेयी को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा ।
1998 में भाजपा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेतृत्व करते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा। उस वक्त एनडीए सहयोगियों में समता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, एआईएडीएमके और बीजू जनता दल शामिल थे। टीडीपी ने बाहर से समर्थन दिया तो अटल बिहारी वाजपेयी दोबारा प्रधानमंत्री बने। हालांकि, 1999 में एआईएडीएमके ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई।
1999 के चुनाव में राजग ने एआईएडीएमके के बिना ही 303 सीटें जीतीं। भाजपा को सबसे ज्यादा 183 सीटें मिली थीं। वाजपेयी तीसरी बार पीएम बने। वाजपेयी ने 2004 में छह महीने पहले ही चुनाव का एलान कर दिया। भाजपा का मुद्दा इंडिया शाइनिंग था, इसके बावजूद भाजपा हार गई। लोकसभा चुनाव बाद बाद 10 साल तक देश में यूपीए की सरकार रही। 2014 में भाजपा की बहुमत से वापसी हुई, तब से अब तक देश में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है।
पूर्ण बहुमत वाले पहले गैर-कांग्रेसी पीएम कौन?
नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारत के प्रधानमंत्री पद की 26 मई, 2014 को शपथ ली। इसी के साथ वह अपनी पार्टी के पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बन गए। इतना ही नहीं वे आजादी के बाद पैदा होने वाले भी पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई, 2019 को पीएम पद की शपथ ली। हाल में 9 जून को लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है। ऐसा करने वाले वह नेहरू के बाद दूसरे और पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बन गए हैं।
केंद्र में कितनी बार भाजपा की सरकार रही?
1996 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के चलते यह सरकार 13 दिन बाद ही गिर गई थी।
1998 में अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार पीएम बने। इस बार 13 महीने बाद सरकार गिर गई।
1999 में वाजपेयी बहुमत से प्रधानमंत्री बने और कार्यकाल पूरा किया।
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी जीती और वह पीएम बने। कार्यकाल पूरा किया।
2019 में मोदी के नेतृत्व में भाजपा प्रचंड बहुमत से जीती। वह दूसरी बार पीएम बने।
2024 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बहुमत नहीं मिला। एनडीए के समर्थन से तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली।
केंद्र में भाजपा की सरकार का पार्टी के गठन से लेकर अब तक छठा कार्यकाल चल रहा है।
किस राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार बनी?
पार्टी का गठन होने के बाद सबसे पहले राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री पद की शपथ भैरों सिंह शेखावत ने ली थी। शेखावत पहले जनसंघ में हुआ करते थे। हालांकि, इससे पहले जनता पार्टी की भी सरकार यहां बन चुकी थी। इसके बाद 90 के दशक में ही हिमाचल, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली में भी भाजपा की सरकार बनी।
कितने राज्यों में है भाजपा की सरकार?
अभी 20 राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी एनडीए की सरकार है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम, ओडिशा , गोवा, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और पुडुचेरी में आदि में भाजपा व सहयोगी दलों की सरकार है।