Nyota Bhojan Yojana 2024 : खास मौकों में आमजन स्कूली बच्चों को भोजन कर सकेंगे
न्योता भोजन योजना के योजनांतर्गत बच्चों को पूरा भोजन नही बल्कि आमजन केवल मिठाई, नमकीन, फल आदि प्रदान कर सकते हैं। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि न्योता भोजन हेतु किसी प्रकार का पैसा, नगद अथवा चेक स्वीकार नही किया जाएगा।
Nyota Bhojan Yojana 2024 : स्कूल शिक्षा विभाग ने एक अहम निर्णय लिया है। जिसके तहत न्योता भोजन योजना लागू की गई है। जिसमें आमजन स्वेच्छा से जुड़ सकते हैं। इसके तहत आमजन अब किसी राष्ट्रीय पर्व, त्यौहार, जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ आदि मौकों पर स्कूली बच्चों को भोजन करा सकते हैं। जिसे न्योता भोजन नाम दिया गया है।
योजनांतर्गत बच्चों को पूरा भोजन नही बल्कि आमजन केवल मिठाई, नमकीन, फल आदि प्रदान कर सकते हैं। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि न्योता भोजन हेतु किसी प्रकार का पैसा, नगद अथवा चेक स्वीकार नही किया जाएगा। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्यान्ह भोजन) के तहत भारत सरकार द्वारा गाइड लाइन दिए गए ‘तिथि भोजन ‘ को छत्तीसगढ़ में ‘ न्योता भोजन ‘ के नाम से लागू किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने ततसंदर्भ में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। योजना सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है भारत में विभिन्न त्यौहारों विशेष अवसरों जैसे जन्मदिन, विवाह, वर्षगांठ, राष्ट्रीय पर्व पर लोगों को भोजन कराने की परंपरा है। इसी आधार पर स्कूली बच्चों के लिए न्योता भोजन योजना लागू की जा रही है। कोई भी व्यक्ति, परिवार या सामाजिक संगठन बच्चों को भोजन कर सकेंगे। यह भोजन पूर्णत स्वैच्छिक होगी। समुदाय के लोग, सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा चाहे तो अतिरिक्त पूरक पोषण के तौर पर मिठाई, नमकीन,फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री प्रदान कर सकते हैं। पूर्ण भोजन की स्थिति में बच्चों को स्कूल की ओर से दिए जाने वाले नियमित भोजन की तरह चावल,दाल, सब्जी,रोटी सभी देना है, ताजा गरम भोजन देना होगा। किसी भी पैकेट आहरण के मामले में उसकी समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) की जांच कर लेना है। आंशिक भोजन भी करा सकते है। यानि किसी कक्षा विशेष को अतिरिक्त पूरक पोषण दे सकते है मिठाई, नमकीन, फल आदि। दानदाताओं द्वारा खाद्य सामग्री स्कूल पहुंचाने के बाद पहले शिक्षक, रसोइया,शाला विकास समिति के सदस्य अथवा पालक चखेंगे। दानदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रार्थना सभा या वार्षिक दिवस पर उनके नाम की घोषणा कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा।