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अदरक के भाव से चाय का जायका बदला-बदला सा

बगैर अदरक-काली मिर्च कड़क चाय नसीब नहीं

रायपुर। बारिश का मौसम है और इस दौरान कार्य के बीच कड़क-अदरक डली चाय मिल जाए तो बात बन जाए वाली बात होती है। पर सनद हो – अदरक ने भाव बढ़ा रखें हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि चाय का जायका बदला-बदला सा है।

देश-प्रदेश में इस बार अदरक की पैदावार पर्याप्त नहीं हुई है। जिससे की डिमांड अधिक – सप्लाई कम है। स्वाभाविक है कि ऐसे में अदरक ने भाव बढ़ा लिए हैं। आज की तिथि पर अच्छा अदरक 350 से 400 किलो और साधारण 250 से 300 रुपए किलो बिक रहा है।

बारिश के मौसम अदरक की मांग चाय के चलते बढ़ जाती है। तो वहीं बतौर आयुर्वेदिक औषधी यह गुणकारी है। सर्दी-खांसी, कफ में आयुर्वेद इसके फायदे बताता है। पर अच्छी कड़कदार चाय पीनी हो तो बगैर अदरक-काली मिर्च के मुनासिब नहीं। काली मिर्च के दाम तो हमेशा बढ़े रहते हैं। पर अब अदरक ऊंचाईयां छू रहा है। नतीजतन जायकेदार चाय की जगह बदला-बदला सा स्वाद मिल रहा हैं।

साधारण चाय 7 रुपए तो अच्छी चाय 10 रुपए हाफ है। दोनों में अदरक डाला जाता है। उम्दा-मसालेदार चाय बगैर अदरक-काली मिर्च के बनाई नहीं जा सकती। चाय के शौकीन सक्षम लोग बारिश के मध्य-अदरक वाली कड़क- कड़ी मीठी चाय वास्ते अतिरिक्त पैसा देते हैं पर चाय वाले बेचारे अदरक के भाव देख पसीना पोछ रहें हैं। उनके ग्राहक 5, 7 अधिकतम 10 रुपए हाफ वाले हैं। पर सभी अदरक वाली चाय चाहते हैं। एक दिन में कई किलो अदरक लग जाता है। सामान्य ग्राहक ज्यादा होते हैं। जिनसे चायवाला चाहकर भी 5, 7 रुपए से ज्यादा नहीं ले पाता। ग्राहक बिदकने का डर रहता हैं।

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