नए साल पर विविध आयोजन से कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं, नया वेरिएंट से बचना जरूरी !

कोविड -19 का नया वेरिएंट जे एन- 1

कोविड -19 का नया वेरिएंट जे एन- 1

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ततसंबंध में दिसंबर के दूसरे सप्ताह के शुरुआती दिनों में ही तमाम राज्यों के प्रमुखों, राज्य सचिवों को पत्र लिखकर निर्देश जारी कर दिया था। एवं सतर्कता बरतने तथा शासकीय, निजी अस्पतालों में जरूरी सुविधा,  उपकरण साज-समान की व्यवस्था करने सुझाव दिया

रायपुर न्यूज : देश में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट जे एन -1 के अब तक 157 मामले सामने आ चुके हैं। एक दिन पूर्व 40 मामले दर्ज किए गए। नया वैरिएन्ट उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात, कनार्टक, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, तेलगांना तक पहुंच चूका है। इधर छत्तीसगढ़ में हफ्ते भर के अंदर 19 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं हालांकि अभी इनमें नए वैरिएन्ट की पुष्टि होना बाकी है।

गौरतलब है कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, बंगाल बाद कर्नाटक, केरल कोरोना के नए वेरिएंट जे एन-1 का पता चला। यह वेरिएंट गुपचुप पैर प्रसार रहा है। भले इसकी रफ्तार कम है पर सावधानी बरतनी जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ततसंबंध में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े के शुरुआती दिनों में ही तमाम राज्यों के प्रमुखों, राज्य सचिवों को पत्र लिखकर निर्देश जारी कर दिया था। एवं सतर्कता बरतने तथा शासकीय, निजी अस्पतालों में जरूरी सुविधा, तैयारी, उपकरण साज-समान की व्यवस्था करने सुझाव दिया था। तभी राज्य स्वास्थ्य मंत्रालयों ने अपने प्रदेश के समस्त जिलाध्यक्षों, जिला-तहसील के स्वास्थ्य अधिकारियों को उक्त निर्देश के साथ आगाह किया था। इन सबके बावजूद कोविड -19 का नया वेरिएंट जे एन- 1 के 157 मामले 27 दिसंबर तक सामने आ चुके हैं। गुजरात में 36, कर्नाटक में 34, गोवा में 14, महाराष्ट्र- केरल में 9-9, राजस्थान, तमिलनाडु में चार-चार तेलंगाना में 2 मामले सामने आए है। अब तक नए वेरिएंट से आधे दर्जन से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। ओडिशा में 2 नए मामले नए वेरिएंट के दर्ज हुए हैं। नीति आयोग सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के पाल ने पिछले हफ्ते कहा था नए वेरिएंट पर करीब से नजर रखी जा रही है साथ ही उन्होंने राज्यों से जांच में तेजी लाने, निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि फिलहाल चिंता जैसी बात नहीं है। संक्रमण की चपेट में लोगों में 92 प्रतिशत घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

बहरहाल नए मामले धीरे-धीरे सही पर राज्य दर राज्य आगे बढ़ रहे हैं साथ ही कम रफ्तार सही पर आगे बढ़ते जा रहे हैं। जो पर्याप्त संकेत है कि इसे हल्के से लेने की गलती करना नादानी होगी। सामने 3 दिन बाद नया बरस है लोग नए साल के स्वागत हेतु 31 दिसंबर की रात जुटेंगे तो वही 1- 2 जनवरी को शुभकामनाएं आदान-प्रदान करने जुटेंगे। यह मिलने- मिलाने की औपचारिकता हफ्ते भर चलेगी। ऐसे में नए स्वरूप जे एन -01 को पैर फैलाने का अच्छा मौका मिलेगा। चूंकि इसके आधा दर्जन लक्षण है। जिसमें हाथ-पैर दर्द, सिरदर्द, सर्दी-जुकाम, बुखार, जोड़ों में दर्द, खांसी आदि शामिल है लिहाजा नजर रखनी होगी।

बताया जा रहा है कि नया वेरिएंट उन लोगों को ज्यादा हानि नहीं पहुंचा पाएगा जिन्हें कोविड -19 दो डोज एवं बूस्टर डोज लग चुका है। पूर्व में लगाई गई वैक्सीन जीवन भर के लिए काम करेगी। पर जिन्होंने नहीं लगाई थी वैक्सीन वैसे लोग पहले शिकार होंगे। सरकार को थोड़ा सख्त कदम उठाना होगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मुनादी करानी होगी। अस्पतालों को ठीक रखना होगा। नए वेरिएंट के मध्य जो केस आ रहें है उन्हें एकांतवास में एहतियातन रखना चाहिए। दूसरा जनवरी 15 को मलमास खत्म होगा। जिसके बाद फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई में शादी के लिए मुहूर्त है। यानी भीड़-भाड़ बढ़ेगी। मेल-जोल बढ़ेगा। यात्रा बढ़ेगी लिहाजा नए वेरिएंट फैल सकता है। कमजोरों, पूर्व से लंबी बीमारी या किडनी, लीवर हार्ट के मरीजों के लिए ज्यादा खतरा है। बच्चों-वृद्धो को ध्यान रखना होगा। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर रोक लगानी चाहिए।

(लेखक डा. विजय )

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