कोविड-19 के बढ़ते मामले छत्तीसगढ़ में चिंताजनक, नए वैरिएंट JN.1 की अब तक पुष्टि नहीं हुई, जांच जारी

नए वैरिएंट JN.1
देश के रायगढ़ जिले में 44, दुर्ग 26, रायपुर में 20, बस्तर में 6, बेमेतरा 3, बालोद में 2,नांदगांव, सारंगढ़ में 1-1, धमतरी 02, जांजगीर चांपा 02, मोहला चौकी 01, कोरिया 5, सूरजपुर, सुकमा में 1-1 केस सामने आए हैं। जिनके सैंपल नए वैरिएंट का पता लगाने एम्स भेज दिया गया है।
रायपुर न्यूज : कोविड -19 का नया वैरिएंट JN.1सामने आने के बावजूद बड़ी लापरवाही लोग बरत रहें हैं। बेशक नए वैरिएंट की छत्तीसगढ़ पहुंचने की पुष्टि नहीं हुई है पर नए कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि कुछ लोग ठीक हो गए हैं।
गौरतलब हो कि देश के आधा दर्जन से अधिक राज्यों में कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 की पुष्टि हो चुकी है। जिनका इलाज जारी है। कुछ लोगों की मौतें भी हुई है। छत्तीसगढ़ में कोविड के मामले आना दिसंबर 2023 से पहले लगभग बंद हो चुके थे। इक्का-दुक्का मामले मिल रहे थे, जो घातक नहीं थे। इस दौरान उत्तर, दक्षिण, एवं मध्य भारत के कुछ राज्यों में महाराष्ट्र, तेलंगाना प्रदेश में नए वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। लिहाजा आशंका जताई जा रही है कि निकटवर्ती पड़ोसी राज्य होने के चलते छत्तीसगढ़ में भी नए वैरिएंट न आ गया हो। जिसकी बड़ी वजह लोगों, मजदूर, किसानों, व्यापारियों,घूमने फिरने वालों का हजारों की तादाद में रोजाना आधा दर्जन राज्यों से आना जाना लगा हुआ है। इसलिए जो लोग पॉजिटिव पाए जा रहें हैं, उनका सैंपल लेकर जांच वास्ते एम्स रायपुर भेजा जा रहा है। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
प्रदेश के रायगढ़ जिले में 44, दुर्ग 26, रायपुर में 20, बस्तर में 6, बेमेतरा 3, बालोद में 2,नांदगांव, सारंगढ़ में 1-1, धमतरी 02, जांजगीर चांपा 02, मोहला चौकी 01, कोरिया 5, सूरजपुर, सुकमा में 1-1 केस सामने आए हैं। जिनके सैंपल नए वैरिएंट का पता लगाने एम्स भेज दिया गया है।
उधर नए केस की पुष्टि होना बाकी है, इधर केस बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार शाम तक प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 120 पहुंच गई है। खेद ! 33 में से 16 जिलों में कोरोना के लक्षण या मरीज मिलने पर, नए वैरिएंट की आशंका चिंतित करने वाली है। रायगढ़, दुर्ग, सघन आबादी वाले शहरों में आते है। जहां 3 वर्ष पूर्व पहले कोविड-19 के मामले बहुतायत में मिले थे। इस बार भी थोड़ा ज्यादा मिल रहे हैं। यह शोध सर्वे का हिस्सा हो सकता है कि दुर्ग, रायगढ़ इलाकों से कोरोना लक्षण वाले क्योंकर ज्यादा आते रहे हैं। खैर ! स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीरता बरते अन्यथा वर्तमान हालात पता है कि हफ्ते 10 दिन में यह सभी 33 जिलों में न पहुंच जाए।
बहरहाल नए वैरिएंट की पुष्टि होना बाकी है। फर्ज करें यदि पुष्टि हो जाती है तब ट्रैवल हिस्ट्री के नजरिए से एवं समय पर जांच नहीं कराने पर मामले और बढ़ेंगे। जो आगे परेशान कर सकते हैं। हैरानी वाली बात है कि अस्पताल पहुंच रहे मौसमी बीमारी वाले लोग बगैर मास्क के लाइन लगकर इलाज करा रहे हैं। 70% चिकित्सक या अन्य चिकित्सा विभाग के कर्मचारी, अधिकारी तक बिना मास्क के काम कर रहे है या ड्यूटी में लापरवाही बरत रहे हैं। जो महंगा साबित हो सकता है। सैनिटाइजर तक अस्पताल के दरवाजे पर नजर नहीं आ रहा है।