New Education Scheme: सरकारी स्कूलों में अब जादुई पिटारे से होगी पढ़ाई, NEP 2020 के तहत बालवाटिका हुआ लॉन्च
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New Education Scheme: नए शिक्षा सत्र 2024- 25 से नई शिक्षा नीति ( NEP) के तहत स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी की जा रही है अब सरकारी स्कूलों में 6 की जगह 3 साल की उम्र में प्रवेश दिया जाएगा।
New Education Scheme रायपुर। नए शिक्षा सत्र 2024- 25 से नई शिक्षा नीति ( NEP) के तहत स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी की जा रही है अब सरकारी स्कूलों में 6 की जगह 3 साल की उम्र में प्रवेश दिया जाएगा। नर्सरी से पहली ओर दूसरी कक्षा (3 से 8 वर्ष) तक बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जादुई पिटारा के माध्यम से कराई जाएगी।
3 से 8 साल के लिए जादुई पिटारे से पढ़ाई
स्कूली शिक्षा में पढ़ाई का पैटर्न भी बदल जाएगा। अब 10 धन 2 की जगह 5-3-3-4 पैटर्न में पढ़ाई कराई जाएगी। 3 से 8 साल यानी 5 साल बच्चा नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षा तक की पढ़ाई बालवाड़ी और प्राथमिक स्कूलों में पूरी करेगा। इसके बाद 6 से 8 वीं यानी 3 साल की पढ़ाई होगी। इसके बाद 9 से 12वीं यानी 4 साल की हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी कक्षाओं की पढ़ाई पूरी करेगा। इस तरह NEP के तहत स्कूलों की पढ़ाई 5-3-3-4 पैटर्न में बांटकर शिक्षा कराने की योजना है। अब तक सरकारी स्कूलों में 6 वर्ष की आयु पर कक्षा पहली में बच्चों को प्रवेश देने का नियम था। यानी 1 से 10 की पढ़ाई 10 वर्ष फिर 11-12वीं की पढ़ाई 2 वर्ष। जो NEP लागू होने पर नए सत्र से पूरी तरह बदल जाएगा।
आंगनबाडियों को बदला जाएगा बालबाडियों में
नई शिक्षा नीति के अनुसार जादुई पिटारा अत्याधुनिक बाल केंद्रित शिक्षण दर्शन पर आधारित है। उसे 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को नर्सरी ए लोअर किंडरगार्टन (एलकेजी) और अपर किंडरगार्टन (यूकेजी) की शिक्षा दी जाएगी। इसमें पुस्तकों का प्रयोग न जितना होगा। नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाडियों को अब बालबाडियों में बदला जाएगा और शिक्षा विभाग में शामिल किया जाएगा। इससे 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को नर्सरी की शिक्षा देने में सुविधा होगी। पूरे प्रदेश में बालबाडियों खोलकर बच्चों को नर्सरी की पढ़ाई कराने की योजना है।
55 हजार शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया
विभिन्न सामग्री प्ले बुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, प्ले कार्ड, वर्कशीट जैसी सामग्री के माध्यम से नई शिक्षण तकनीकी के माध्यम से नई शिक्षण तकनीकी के विभिन्न पहलुओं से शिक्षकों और मैदानी अधिकारियों के माध्यम से बलवाडियों व प्राथमिक शाला में पढ़ाई कराई जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया है कि आंगनबाड़ियों को अब बालवाड़ियों में बदला जाएगा। और शिक्षा विभाग में शामिल किया जाएगा। जिसमें 3से 6 वर्ष तक के बच्चों को नर्सरी की शिक्षा देने में सुविधा होगी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कुल 9491 बालवाड़ी खोली जा चुकी है। जादुई पिटारा के तहत 55 हजार शिक्षकों को बुधवार को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया।