New Delhi: वित्त वर्ष 2024-25 में राज्यों को पिछले वर्ष की तुलना में 2.49 लाख करोड़ रुपये ज्यादा मिले- सीतारमण

New Delhi: वित्त वर्ष 2024-25 में राज्यों को 22.91 लाख करोड रुपए दिए गए जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2.49 लाख करोड रुपए अधिक है।
New Delhi रायपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सहकारी संघवाद पर जोर दिया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में राज्यों को 22.91 लाख करोड रुपए दिए गए जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2.49 लाख करोड रुपए अधिक है।
सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य नाम नही लेने का यह अर्थ नही है कि क्यों उन्हें (राज्य) पैसा नही मिला है। हर राज्य को धन आबंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में आर्थिक वृद्धि,रोजगार, पूंजी निवेश और राजकोषीय मजबूती के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया गया है। विपक्ष के इन आरोपों कि कृषि, स्वास्थ्य,शिक्षा हेतु कुछ नही किया गया है। सीतारमण ने कहा तीनों क्षेत्र एवं सामाजिक क्षेत्र हेतु पिछले वर्ष की तुलना में आबंटन बढ़ा है। उन्होंने महंगाई को लेकर कहा कि काफी हद तक महंगाई पर नियंत्रण लगाया गया है। यूपीए की गलती के चलते 22 महीनों तक मुद्रास्फीति दहाई अंक के करीब चली गई थी। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
गैर भाजपा दलों के शासन वाले राज्यों के साथ सौतेले व्यवहार के आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अतिरिक्त ऋण देने के मामले में भेदभाव की केरल सरकार की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार के पक्ष को सही ठहराते हुए कहा था कि केरल सरकार अपने आरोपों को साबित नहीं कर सकी। राज्यसभा में वित्त मंत्री का जवाब लोकसभा (लगभग पौने दो घंटे) में उनके संबोधन के मुकाबले करीब आधे घंटे लंबा था औऱ इसमें मुख्य रूप से आर्थिक सवालों के जवाब अधिक थे।