National Herald Case: राहुल-सोनिया पर कार्रवाई से भड़की कांग्रेस, देशभर के ED दफ्तरों के बाहर करेगी विरोध प्रदर्शन

National Herald Case: कांग्रेस ने सभी राज्यों में अपने कार्यकर्ताओं को ED और केंद्रीय कार्यालयों के बाहर शांतिपूर्ण विरोध करने का निर्देश दिया है। पार्टी का कहना है कि वह “सत्य, न्याय और लोकतंत्र” के लिए लड़ती रहेगी।
National Herald Case: कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ 16 अप्रैल को देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है। यह विरोध प्रदर्शन देशभर में इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के कार्यालयों और जिला स्तरीय केंद्रीय सरकारी दफ्तरों के बाहर किया जाएगा। यह फैसला ईडी द्वारा राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल करने के बाद लिया गया है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि “मोदी सरकार ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को जब्त करके और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ केस दर्ज करके लोकतंत्र पर हमला किया है। यह कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि सत्ता का दुरुपयोग है।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘राजनीतिक डराने-धमकाने की कोशिश’ है और कांग्रेस इसका पूरी ताकत से विरोध करेगी।
कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को दिया शांतिपूर्ण विरोध करने का निर्देश
कांग्रेस ने सभी राज्यों में अपने कार्यकर्ताओं को ED और केंद्रीय कार्यालयों के बाहर शांतिपूर्ण विरोध करने का निर्देश दिया है। पार्टी का कहना है कि वह “सत्य, न्याय और लोकतंत्र” के लिए लड़ती रहेगी।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस
ईडी ने 12 अप्रैल को घोषणा की कि उसने कांग्रेस के स्वामित्व वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त करने के लिए कदम उठाए हैं।
एजेंसी ने 9 अप्रैल को एक आरोपपत्र भी दाखिल किया, जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को मामले में आरोपी बनाया गया। इस मामले में न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपपत्र की समीक्षा की और मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को तय की।
2014 से चल रहा है मामला
यह केस 2014 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के बाद शुरू हुआ था। आरोप था कि कांग्रेस नेताओं ने ₹2,000 करोड़ की AJL संपत्ति पर सिर्फ ₹50 लाख में कब्जा कर लिया। ईडी का दावा है कि यंग इंडियन कंपनी के जरिए ₹18 करोड़ का फर्जी दान, ₹38 करोड़ का किराया और ₹29 करोड़ के फेक विज्ञापनों के जरिए पैसे लॉन्ड्रिंग किए गए।