Narco Test के लिए अब छत्तीसगढ़ को दूसरे राज्य जाना नहीं पड़ेगा, AIIMS रायपुर में शुरू हुई यह सुविधा

Narco Test : छत्तीसगढ़ की पुलिस को अब अपराधी या आरोपी के नार्को टेस्ट हेतु हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु का चक्कर नही काटना पड़ेगा न ही ज्यादा वक्त जाया होगा।
Narco Test रायपुर। छत्तीसगढ़ की पुलिस को अब अपराधी या आरोपी के नार्को टेस्ट हेतु हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु का चक्कर नही काटना पड़ेगा न ही ज्यादा वक्त जाया होगा।संबंधित पर्सन की सुरक्षा व्यवस्था आदि समेत आने-जाने बाहर ठहरने का खर्च भी बचेगा। वजह अब रायपुर एम्स में नार्को टेस्ट सुविधा उपलब्ध हो गई है।
राज्य की पुलिस को संदिग्ध आरोपियों,अपराधियों से सच उगलवाने अब रायपुर स्थित अखिल भारतीयआयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का फॉरेंसिंग मेडिसिन विभाग मदद करने जा रहा है। विभाग ने झूठ पकड़ने और किसी मामले के बारे में छोटी,बारीक जानकारियां जुटाने में सहयोग करने वाले नार्को टेस्ट करने की सुविधा जुटा ली है। विभाग 27 जुलाई को इस संस्थानका पहला नार्को एनालिसिस टेस्ट सफल हो गया। यह प्रक्रिया फारेसिंक साइंस लेबोरेटरी के कर्मियों द्वारा निश्चेतना विभाग, जनरल मेडिसिन और इमरजेंसी मेडिसिन विभागों के सहयोग से सफल पूर्वक कर ली गई है।
गौरतलब हो कि अब तक छत्तीसगढ़ पुलिस को किसी का नार्को टेस्ट कराने उसे लेकर बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई तक जाना पड़ता है। जिसमें समय तो लगता था फिर आने जाने ठहरने का खर्च साथ ही व्यक्ति विशेष की सुरक्षा या उसके भाग जाने का भी अंदेशा बना रहता था। पुलिस की एक टीम जाती थी। एम्स निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (रिटायर्ड) ने समाज हित में एम्स द्वारा पुलिस प्रशासन के दिए जा रहे इस सहयोग के लिए फारेंसिक मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉक्टर कृष्ण दत्त चावली व उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा है कि आगे चलकर इस विभाग में और भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
विभागाध्यक्ष डॉक्टर चावली कहते हैं कि नार्को टेस्ट आसान नही है। पुलिस द्वारा लाए गए संदिग्ध की फिटनेस टेस्ट रिपोर्ट अब तक नही आता हम प्रक्रिया शुरू नही कर सकते क्योंकि सच उगलवाने के लिए एक रसायन को शरीर में इंजेक्ट करना पड़ता है। शरीर उस रसायन को सहन कर पाएगा या नही इसके लिए फिटनेस टेस्ट है। इसके बाद एक दिन संदिग्ध को पुलिस सुरक्षा में भर्ती करना पड़ता है,उसके दूसरे दिन नार्को टेस्ट संभव होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अकेले पुलिस या कोर्ट के कहने पर नार्को टेस्ट नही हो जाता बल्कि नार्को टेस्ट शुरू करने की प्रक्रिया से संबंधित व्यक्ति से तीन बार इसकी सहमति लेनी पड़ती है।