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Chhattisgarh Politics News : महज साढे सात माह रह पाए कांग्रेस में, पार्टी से दिया इस्तीफा- नंद के नए कदम अब किधर …!

Chhattisgarh Politics News :

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Chhattisgarh Politics News : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सी एड आई डी सी के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय Chhattisgarh Politics News पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। अब उनके नए कदम के कयास लगाए जा रहे हैं।

गौरतलब हो कि नंदकुमार साय प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता हैं। उन्होंने 1 मई 2023 को फिल्मी स्टाइल में भाजपा छोड़, राजीव भवन पहुंच कांग्रेस की सदस्यता लेकर पार्टी ज्वाइन किया था। तब उन्होने अपनी मातृ पार्टी भाजपा पर उपेक्षा अनदेखी का बड़ा आरोप लगाते हुए क्षुब्ध होकर पार्टी छोड़ दी थी। अंतिम समय में भाजपा वाले उन्हें ढूंढते रह गए थे। और वे एक बड़े होटल में फिल्मी स्टाइल से निकले थे कांग्रेस के युवा नेता अपने शानदार कार में बिठाकर उन्हें सीधे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन, अनुपम नगर पहुंचे थे। जहां कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। तब भाजपा नेताओं उनके कदम की आलोचना नहीं की थी। बहरहाल कांग्रेस ने उन्हें सीएसआई डीसी का अध्यक्ष बनाया था। साय कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर कुनकुरी, पत्थलगांव या लैलूंगा से लड़ना चाह रहे थे। परंतु उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। आज उक्त कुनकुरी के भाजपा विधायक विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम आते ही एक रिपोर्ट आधार पर कहा था कि आज नंदकुमार साय को मातृ संस्था भाजपा छोड़ना शायद अब खल रह होगा। उन्हें स्वयं का निर्णय गलत लगने के साथ कसक, पछतावा भी हो रहा होगा। यह भी लिखा था कि साय – भाजपा नहीं त्यागते तो बहुत संभव था कि मातृ पार्टी उन्हें उनकी वरिष्ठता,विद्यावन्ता छवि देख शायद आज छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बना देती। भाजपा वजह आदिवासी को यह सीएम बनाया गया। नए आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से वरिष्ठ हैं। लिहाजा पार्टी उन्हें प्राथमिकता देती। पर तकदीर का लिखा भला कौन पढ़ा है। नंद कुमार साय चुनाव नतीजों के बाद भाजपा सीएम की घोषणा उपरांत विष्णु देव साय से मिलने उनके अस्थायी आवास पहुंचे थे।

नंद कुमार साय के कांग्रेस से बाहर आ गए हैं। उन्होंने इस्तीफा देते वक्त पत्र में लिखा है कि किन्हीं परिस्थितियों के चलते उन्होंने कांग्रेस से सदस्यता ग्रहण की थी। पर अब पार्टी छोड़ रहे हैं। वजह कई है। पार्टी की परिस्थितियों एवं बदली राजनीतिक परिस्थिति में कांग्रेस छोड़ रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व डॉक्टर रामसुंदर दास महंत ने भी दक्षिण रायपुर से चुनाव हारने उपरांत खुद जिम्मेदारी लेकर पार्टी छोड़ दी। हालांकि उन्हें पूर्व सीएम भूपेश बघेल, डा. चरण दास महंत सत्यनारायण शर्मा मनाने पहुंचे थे।

बहरहाल अब तक ऐसी कोई खबर नहीं आई है कि कांग्रेस से कोई बड़ा नेता नंदकुमार साय को समझाने, विचार करने पार्टी में बना रहने पहुंचा कि नहीं। परन्तु उनके नए कदमों के अनुमान लगाकर कयास के बादल छा गए हैं। चूंकि नंदकुमार की शुमारी दिग्गज आदिवासी नेता के तौर पर होती है। कुछ लोग भाजपा में, कुछ आम आदमी पार्टी, तो कुछ अरविंद नेताम की पार्टी ज्वाइन करने का कयास जता रहे हैं। खैर ! उन्होंने भाजपा छोड़ते समय कहा था कि अब कभी वापस नहीं जाऊंगा। बावजूद अगर भाजपा पुनः प्रवेश करते हैं तो यह कहावत चरितार्थ होगी अब पछताए होत क्या चिड़या चुग गई खेत। खैर -सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहा जाता !

(लेखक डा. विजय)

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